विचार / लेख

तेरह भी तेरा है भाई
25-Sep-2021 1:21 PM
तेरह भी तेरा है भाई

-अपूर्व गर्ग

शिमला में हम जहाँ रहते हैं उस फ्लैट का नंबर 14 है। 13 नंबर फ्लैट गायब है पर फ्लैट नंबर 12 के बाद 13 की जगह 12ए है। इसी तरह ब्लॉक 13 की जगह ब्लॉक 12ए है। इसी तरह शिमला के रिपन अस्पताल में बेड नंबर 12 के बाद सीधे बेड 14 है।

कुछ समय पहले हिमाचल के ही नाहन में बीजेपी ने वार्ड चुनावों में 13 वार्डों में से 12 वार्डों के अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए जब वार्ड 13 का न घोषित करने का कारण पूछा गया तो वही मसला 13 के अशुभ होने का था।

सिर्फ हिमाचल ही  नहीं ये  देश और दुनिया 13 के शुभ-अशुभ चक्कर में शुरू से उलझी रही है।
 
जब अटल बिहारी वाजपेयी ने 13 मई 1996 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत साबित न होने पर 13 दिन बाद सरकार गिर गई तो किस तरह 13 को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, भूला नहीं जा सकता।

हिंदुस्तान छोडिय़े बताते हैं आज भी यूरोप तक में कई होटलों में 13 नंबर के कमरे नहीं होते, 13 लोग मिलकर कोई काम या पार्टी नहीं करते।

हरिवंशराय बच्चन बताते हैं उन्हें जब 13 विलिंगटन क्रिसेंट आबंटित हुआ तो 13 का नाम सुनते है दिमाग में एक खटका हुआ, अशुभ संख्या है, कहीं इस घर में जाना अमंगलकारी न हो! पर उन्होंने गुरुनानक की बात याद की।

गुरुनानक का मन सांस्कारिक कार्य में न लगता था। उनके पिता ने उन्हें कुछ कम्बल देकर कुछ लाभ कमाने को कहा तो उन्होंने ठंड से कांपते साधुओं को दान दे दिए।

उनके पिता ने उन्हें दूसरे काम मज़दूरों को 15-15  सेर अनाज मज़दूरी के रूप में तौल कर देने कहा।  नानक ने तौलना आरम्भ किया- तौल ठीक रखने के लिए संख्या उच्चारित करते जाते थे-1, 2, 7, 10, 12, 13  तरह को तेरा भी कहा जाता है, 13 पर उनका ध्यान चला गया होगा कबीर के इस दोहे पर
मेरा मुझमें कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोर।
तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मोर॥

और फिर तेरा, तेरा कह कर वो अनाज देते चले गए क्योंकि नानक के लिए सब ‘तेरा’ था ‘मेरा’ कुछ भी नहीं-‘इदं न मम’।

बच्चन जी कहते हैं मैं भी तेरह को तेरा मान कर 13  विलिंगटन क्रिसेंट में  चला गया और इस घर में आगे जो हुआ मंगलमय है हुआ।

13 संख्या यदि अशुभ होती तो देश और दुनिया में 13  तारीख को कई बड़े महान कार्य  संपन्न नहीं होते।

13 नवंबर 1975 ही  वो दिन है जब एशिया की  चेचक से मुक्ति की घोषणा हुई।

13 मई 1952  ही वो शुभ दिन है जब स्वतंत्र भारत की पहली संसद का सत्र शुरू हुआ ।

13 अक्टूबर  1911 को हिन्दुस्तान के महान अभिनेता अशोक कुमार हमारे दादा मुनि का जन्म हुआ तो हम सब के प्रिय कवि  शमशेर बहादुर सिंह 13 जनवरी 1911  को अवतरित हुए

इसलिए छुटकारा 13 नंबर से  नहीं  अन्धविश्वास से पाना चाहिए

नानक की सुनिए  तेरह...तेरा है..

 

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