अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को ग़लत कोट किया था.
इमरान ख़ान ने अपने भाषण में कहा था, "1983 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने अफ़ग़ान मुजाहिदीन को व्हाइट हाउस में बुलाया था और मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार रीगन ने उनकी तुलना अमेरिका के संस्थापकों से की थी."
इमरान के भाषण के बाद पाकिस्तान की एक पत्रकार गरीदाह फ़ारूक़ी ने ट्वीट किया, "अंतरराष्ट्रीय मंच पर कितनी बड़ी शर्मिंदगी और इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में. अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने कभी भी अफ़ग़ान मुजाहिदीनों की तुलना अमेरिका के संस्थापकों से नहीं की थी. यह फ़ेक न्यूज़ है. प्रधानमंत्री इमरान ख़ान इतने प्रतिष्ठित फ़ोरम पर पाकिस्तान का पक्ष मज़बूत करने के लिए फ़ेक न्यूज़ का सहारा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री के लिए किसने यह स्पीच लिखी है उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाना चाहिए."
गरीदाह फ़ारूक़ी के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने ट्वीट किया, "स्पीच लिखने वाले को नहीं, इमरान ख़ान को निकाल देना चाहिए. यह ख़राब चयन था."
फिर क्या था कई सारे लोग इस पर प्रतिक्रिया देने लगे. इमरान ख़ान की पार्टी के लोग भी अपने नेता का बचाव करने उतर आए. किसी ने रीगन की वीडियो क्लिप लगाई तो किसी ने कहा कि क्लिप को एडिटेड क़रार दिया.
किसी ने कहा कि रीगन ने अफ़ग़ानिस्तान के मुजाहिदीनों के लिए नहीं बल्कि निकारागुआ के विद्रोहियों की तुलना अमेरिका के संस्थापकों से की थी.
किसी ने कहा कि रीगन ने तुलना की हो या नहीं, लेकिन रीगन अफ़ग़ानिस्तान में रूसी क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ लड़ रहे अफ़ग़ान मुजाहिदीनों को हमेशा से हीरो मानते थे. (bbc.com)