सामान्य ज्ञान
कमल का वैज्ञानिक नाम Nymphaeaceae है। इसकी पांच प्रजातियां हैं जिनमें तीन Nymphaea वर्ग की हैं और दो वर्ग Nelumbo की। भारतीय कमल दूसरे वर्ग में आते हैं।
दुनिया की विभिन्न प्राचीन संस्कृतियों में कमल का बहुत महत्व रहा है। मिस्र के फैरो को मरणोपरांत कमल के पत्तों की माला से सजाया जाता था। बौद्ध धर्म में ये माना जाता है कि क्योंकि कमल की जडं़े मिट्टी में जुड़ी होती है और वो देखता आकाश की ओर है इसलिए वो पृथ्वी और स्वर्ग को जोडऩे वाला माध्यम है। भगवान बुद्ध को कमल पर लेटा दिखाया जाता है। उसी तरह देवी लक्ष्मी भी कमल पर बैठी हुई दिखाई जाती हैं। इसके अलावा अनेक देवी देवताओं को हाथों पर कमल रखे हुए दिखाया जाता है।
भारतीय लोककलाओं में भी कमल को प्रमुखता के साथ उल्लेखित किया गया है। व्यापारिक दृष्टिï से भी कमल का काफी महत्व है। इसका हर भाग उपयोग होता है। इसका तना और बीज खाने के काम में आता है। बीजों से तैयार मखाने का उपयोग भी खाने के लिए किया जाता है।