सामान्य ज्ञान
2 सितम्बर, 2013 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गांधी विरासत पोर्टल राष्ट्र को समर्पित किया। गांधी विरासत पोर्टल की संकल्पना, डिजाइन, विकास और रख-रखाव की जिम्मेदारी साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक न्यास को सौंपी गई है।
पोर्टल की मूल रचनाओं में गांधी जी की प्रमुख मूल रचनाओं के पहले संस्करण हैं। ये हैं-हिन्द स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह, आत्मकथा या सत्य के साथ मेरे प्रयोगों की गाथा, यरवदा मंदिर से, आश्रम ऑब्जरवेंसेज इन ऐक्शन, रचनात्मक कार्यक्रम - उनका उद्देश्य और स्थान, स्वास्थ्य की कुंजी और अनासक्ति योग के रूप में गीता का अनुवाद।
मूल रचानाएं वे हैं, जिनके आधार पर द कलेक्टेड वक्र्स आफ महात्मा गांधी की रचना हुई, उदाहरण के लिए महादेवभाई नी डायरी। समय के साथ-साथ पोर्टल में उन सभी रचनाओं को डाला जाएगा, जिनके आधार पर द कलेक्टेड वक्र्स आफ महात्मा गांधी का निर्माण हुआ।
पत्रिका खंड में इंडियन ओपीनियन, नवजीवन, यंग इंडिया, हरिजन, हरिजन बंधु और हरिजन सेवक के इलेक्ट्रानिक निरूपण हैं। एक उपअनुभाग में कुछ पत्रिकाएं हैं, जिससे यह गांधी जी की परिकल्पना और विद्वता का संपूर्ण अभिलेखागार बन जाता है।
अदर वक्र्स के अनुभाग में विस्तृत टिप्पणियों और संस्मरण साहित्य से संबंधित लेखा-जोखा है। द लाइफ एंड टाइम्स अनुभाग अभी तैयार किया जा रहा है और इसमें ऐसी जानकारी होगी जो व्यापक और गहरी खोज में सहायक होगी। इसी तरह गैलरी अनुभाग में आडियो-विजुअल सामग्री और फिल्म सामग्री के अलावा रेखा-चित्र, पेंटिंग और डाक टिकटें होंगी। पोर्टल में इनमें से प्रत्येक का नमूना दिया गया है। गांधी विरासत स्थल अनुभाग के लिए विवरण अभी तैयार किया जा रहा है और इसकी जांच की जा रही है। इस अनुभाग में उन स्थलों का विस्तृत वर्णन होगा, जहां महात्मा गांधी गए थे। इसमें शामिल जानकारी में महात्मा गांधी की यात्राओं से संबंधित मूल स्रोतों का भी उल्लेख होगा।
भारत सरकार ने 1956 में एक अद्भुत महात्वाकांक्षी परियोजना की शुरूआत की। यह परियोजना थी - गांधी जी के उपलब्ध सभी लेखों का प्रामाणिक रूप से संकलन करना। द कलेक्टेड वक्र्स आफ महात्मा गांधी इसी गंभीर और विवेकपूर्ण प्रयास का परिणाम है, जिसका कार्य 1994 में पूरा हुआ। यह निर्णय लिया गया कि गांधी जी के लेखों को तीन भाषाओं में उपलब्ध कराया जाए- गुजराती, अंग्रेजी और हिन्दी। परिणाम स्वरूप गांधी नो अक्षरदेहा (गुजराती) और संपूर्ण गांधी वांग्मय (हिन्दी) उसी संपादन शैली के आधार पर तैयार किए गए, जिस पर द कलेक्टेड वक्र्स आफ महात्मा गांधी का निर्माण हुआ था। इस समय द कलेक्टेड वक्र्स आफ महात्मा गांधी के 100 खंड, गांधी जी नो अक्षरदेहा के 82 खंड और संपूर्ण गांधी वांग्मय के 9 खंड हैं।
लाइफ एंड टाइम्स अनुभाग में तुरंत जानकारी हासिल करने के लिए कुछ चुनी हुई जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी। ये सभी जानकारियां कालानुक्रम में दी जाएंगी, जो अलग अनुभाग में होंगी या अन्य मौलिक रचनाओं से ली जाएंगी। गांधी जी के दौरों, कूचों, सत्याग्रहों, जेल यात्राओं, उपवासों आदि के बारे में जानकारी तालिका के रूप में दी जाएगी। पोर्टल में कई भाषाओं में लगभग दस लाख पृष्?ठों की जानकारी शामिल करने की योजना है। इनमें पत्रिकाएं, मौलिक रचनाएं और अन्य रचनाएं शामिल हैं।