सामान्य ज्ञान
क्लिफ डाइविंग- एक प्रकार का खतरनाक खेल है। इसमें किसी चट्टान से पानी में कूदते समय भी खिलाड़ी को उन्हीं पैमानों पर परखा जाता है जैसा कि ओलंपिक जैसे खेलों में होता है। डाइव करने के बाद खिलाड़ी करीब तीन सेकंड तक हवा में रहता है। क्रोएशिया के ओरलांडो डूकी कहते हैं कि ये चंद सेकंड भी बहुत लम्बे महसूस होते हैं।
फ्री राइड बाइक- ब्रिटेन के सैम पिलग्रिम अपने इस स्टंट के लिए मशहूर हैं। इसे बैकफ्लिप सुपरमैन कहते हैं, लेकिन इस टशन का नतीजा यह है कि सैम तस्वीरों में बिना दांतों के मुस्कुराते हुए नजर आते हैं। इस खतरनाक स्टंट के कारण उनके आगे के दांत टूट चुके हैं.
फ्री क्लाइम्बिंग-चट्टानी पहाड़ों पर चढऩे का शौक कई लोगों को होता है, लेकिन चढ़ाई इतनी मुश्किल होती है कि रस्सियों का सहारा लिया जाता है। पर फ्री क्लाइम्बिंग में किसी भी तरह की मदद की इजाजत नहीं है। बस गिरने से बचने के लिए रस्सी लगाई जा सकती है। सोलो रॉक क्लाइम्बिंग में तो यह भी नहीं होता।
माउन्टेन बाइकिंग- डिसेंट ऑफ द कॉनडोर को दुनिया की सबसे खतरनाक साइकल रेस माना जाता है। इस रेस के लिए केवल दो ही किलोमीटर का फासला तय करना होता है, लेकिन बोलिविया की पहाडिय़ों में अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाती है।
सैंड मैराथन- मोरक्को के रेगिस्तान में होने वाला यह मैराथन छह मैराथन के बराबर है। खिलाडिय़ों को छह दिनों तक कुल 250 किलोमीटर चलना होता है। सहारा मरुस्थल में 40 डिग्री से ज्यादा तापमान में उन्हें पानी की बोतलें भी खुद ही संभालनी पड़ती हैं।
एवरेस्ट एक्सपीडिशन-जापान के 71 साल के कातसुसुके यानागिसावा एवरेस्ट पर चढऩे वाले दुनिया के सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति बन गए हैं। हिमालय की चोटी को छूने का सपना जितना खूबसूरत है उतना ही खतरनाक भी। पिछले साल पर्वतारोहण के दौरान 10 लोगों की जान चली गयी।
टाइट रोप वॉकिंग-चीन के आदिली वुक्सर 1.35 किलोमीटर लम्बी रस्सी पर चले। हाथ में एक लम्बी सी छड़ी पकड़े वह संतुलन बनाते चलते रहे। इस रोमांचक खेल में यदि जरा भी चूक होती तो वह 350 मीटर गहरी खाई में जा गिरते।
एक्सट्रीम फ्री राइड- स्कीइंग के दौरान बर्फ में फिसलने का खतरा तो रहता ही है, लेकिन इस खेल में पहाड़ों से सरकती हुई बर्फ का भी सामना करना पड़ता है। अर्जेंटीना के निकोलास सालेंकोन के लिए यह सामान्य सी बात है।
रेस अक्रॉसद एल्प्स- इस रेस के आगे टूअर दे फ्रांस मजाक लगता है। 532 किलोमीटर का फासला तय करने के लिए खिलाडिय़ों को दिन रात साइकल चलानी पड़ती है। जर्मनी के योखेन डेमबेक ने आल्प पहाडिय़ों की इस दौड़ को 28.30 घंटों में पूरा किया।