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रायपुर, 22 अक्टूबर। परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आज शिक्षा के साधनों से लेकर सुविधाओं और पाठ्यक्रमों में भी परिवर्तन आ गया है। समय के साथ शिक्षकों शिक्षकों को भी अपडेट रहने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को हम नैतिक शिक्षा भी प्रदान करें जो आज की महत्ती जरूरत है। यह बातें फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विषय विशेषज्ञों ने कहीं।
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के संयोजक मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडी के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि 10 दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिये जा रहे हैं। मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल ने बताया कि नैतिक शिक्षा मनुष्य के जीवन में बहुत आवश्यक है।
डॉ. शुक्ल ने बताया कि शिक्षक वर्ग को भी नैतिक गुणों को अपनाना चाहिए क्योंकि उनके आचरण एवं चरित्र का सीधा प्रभाव विद्यार्थियों पर पड़ता है। श्री शुक्ल ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसे कार्यक्रमों की सराहना की एवं कहा कि इस तरह के आयोजन निरतंर होने चाहिए जिससे फैकल्टी समय के साथ अपडेट रहें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान की त्रासदी पर अपने अनुभव साझा किये एवं उन्होंने बताया कि तत्कालीन समय में किस तरह लाखों लोग प्रभावित हुए थे। श्री नैयर ने पूर्व और वर्तमान समय में मीडिया के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। इसके र्पू्व गत 11 अक्टूबर को फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्घाटन कुलाधिपति गजराज पगारिया, कुलपति प्रो. केपी यादव, उपकुपति डॉ. दीपिका ढांढ एवं कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया था।