राष्ट्रीय

कश्मीर घाटी में हमलों को जल्द रोकने के लिए नई सुरक्षा व्यवस्था
25-Oct-2021 7:04 PM
कश्मीर घाटी में हमलों को जल्द रोकने के लिए नई सुरक्षा व्यवस्था

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर | कश्मीर घाटी में निशाना बनाकर हो रहीं हत्याओं के मद्देनजर भारतीय सेना और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से जल्द ही एक नई एकीकृत सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। सूत्रों ने यहां सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अन्य सुरक्षा हितधारकों के साथ समन्वय में हमलों को रोकने में प्रमुख भूमिका निभाएगी और उन्हें जमीन पर मानव खुफिया जानकारी को मजबूत करने के लिए कहा गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 23 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के दौरान एक प्रस्तुति दी।

सरकार के एक सूत्र ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में चौबीसों घंटे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, बेहतर खुफिया नेटवर्क और शहरों के चारों ओर सड़कों और राजमार्गो पर गश्त तेज की जाएगी, ताकि अधिक बैरिकेडिंग और सुरक्षा बंकरों के साथ ही आतंकवादियों के प्रवेश और निकास को रोका जा सके। ये नई सुरक्षा प्रणालियों की प्रमुख विशेषताएं होंगी।

इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के तहत उन इलाकों में ड्रोन ग्रिड स्थापित किए जा रहे हैं, जहां गैर-कश्मीरी और प्रवासी मजदूर रह रहे हैं और कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं।

ड्रोन ग्रिड सिस्टम के तहत संदिग्ध तत्वों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने के लिए चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और क्षेत्रों में इस तरह की किसी भी गतिविधि की पहचान होने पर जमीन पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों को जल्द ही उचित समय पर सतर्क कर दिया जाएगा। यह जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों द्वारा संचालित किया जाएगा।

खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के जासूस उन असली साजिशकर्ताओं का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं, जिन्होंने कश्मीर में हालिया हत्याओं को अंजाम देने के लिए हाइब्रिड आतंकवादी नेटवर्क को सक्रिय किया था।

सुरक्षा एजेंसियां 80 से अधिक परिवारों पर भी नजर रख रही हैं, जिनके युवा घर छोड़कर फरार हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इन युवकों का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों द्वारा इन हत्याओं को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है।

एक अधिकारी ने कहा कि 23 अक्टूबर को समीक्षा बैठक के दौरान, केंद्रीय गृहमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि भारी बलों की मौजूदगी और बड़े पैमाने पर आउटरीच प्रयास किए जाने के बावजूद कट्टरपंथ और घरेलू आतंकवाद के खतरे क्यों बढ़ रहे थे?

श्रीनगर में 23 अक्टूबर को हुई बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह, बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के डीजी एमए गणपति, जम्मू-कश्मीर के पुलिस डीजी दिलबाग सिंह, आर्मी कमांडर और अन्य अधिकारी शामिल हुए।(आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news