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ना जाने कितनी प्रेमिकाओं वाले पिकासो, 70 की उम्र में 19 साल की लड़की को दिल दिया
25-Oct-2021 8:03 PM
ना जाने कितनी प्रेमिकाओं वाले पिकासो, 70 की उम्र में 19 साल की लड़की को दिल दिया

फिलहाल दुनिया के सबसे महंगे और महान पेंटर माने जाते हैं पाब्लो पिकासो. उन्होंने पेंटिंग्स को नए तेवर और नई धाराएं दीं और साथ में ऐसे वो प्रयोग किए, जो वाकई अनोखे थे. पाब्लो पिकासो का आज यानि 25 अक्टूबर को जन्मदिन है. वो स्पेन के मलागा में 1881 में पैदा हुए थे. बचपन बहुत अच्छा नहीं था. जवानी भी गुरबत में ज्यादा बीती. बहुत संघर्ष करना पड़ा. फिर जब पहचान बनी तो ऐश्वर्य और धन उनके कदमों में लोटने लगा. पिकासो फितरती थे. बेहद रोमांटिक. जैसे जैसे बूढ़े हुए, ज्यादा रोमानी तबीयत के होते चले गए. यही वजह थी कि 70 साल की उम्र में उनके जीवन में 19 साल की एक लड़की प्रेमिका बनकर आई. वैसे उन्होंने अपने जीवन में घोषित तौर पर 07 प्यार किए और अघोषित तौर पर कहीं ज्यादा.

स्पेन के मशहूर चित्रकार पाब्लो पिकासो की प्रेमिकाएं अलग-अलग समय में उनके चित्रों में छाई रहीं. उन्होंने जिससे प्रेम किया. उसे कैनवस पर भी उतारा. उनकी प्रेमिकाओं में फर्नांदे ओलिवर, रूसी बैले डांसर ओल्गा कोकलोवा, फ्रेंग्सवाज जीलो, जैक़लीन शामिल रहीं. कई महिलाएं कम वक़्त के लिए उनके संपर्क में रहीं. लेकिन ये सवाल जरूर पूछा जाता रहा है कि पिकासो ने भी अपनी पेंटिंग्स में एक मोनालिसा बनाई थी, वो कौन थी. शायद इसका जवाब है सिलवेट डेविड.

ये कहने में कोई हर्ज नहीं कि पाब्लो देखने में सुंदर था. उसकी आंखें खूबसूरत और आर-पार छेदने वाली ओजस्वी सी लगती थीं. देहयष्टि गठी हुई. वह कद में छोटे थे लेकिन आकर्षक. उन्हें पहला प्यार 12 साल 06 महीने की उम्र में ही हो गया. लड़की की उम्र भी इसी के आसपास रही होगी. पाब्लो ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया. नतीजतन लड़की को उसके परिवारवालों ने किसी दूसरे शहर भेज दिया.

पिकासो को जल्दी ही प्रेम होता था और जल्दी ही उससे ऊब भी जाते थे. हर बार खुद को प्रेम से दूर कर लेते थे. लेकिन ये सही है कि उनकी सभी प्रेमिकाओं ने उनकी पेंटिंग्स और पेटिंग्स के मूड पर बहुत असर डाला. हर प्यार के अफसाने के बाद पिकासो की पेंटिंग्स ने नया टर्न लिया.

पहली प्रेमिका
वर्ष 1904 में पिकासो 23 साल के थे. संघर्ष कर रहे थे. लोग जानते नहीं थे. तब उनकी पहली प्रेमिका बनीं फर्नांदे ओलिवर. तभी पिकासो ने अपनी मशहूर पेंटिंग्स ‘द रोज़ पीरियड’ पर काम किया. माना जाता है कि तब उन्होंने अपनी पेंटिंग्स में जिस महिला को उकेरा, वो ओलिवर ही थीं. दोनों 09 साल साथ रहे. लेकिन पिकासो का प्रेम बहुत अजीब था.
अगर ओलिवर कुछ देर के लिए बाहर जाती थी तो वो उसके लिए व्याकुल हो जाते थे. उस पर शक करने लगते थे. अगर वो खुद कहीं बाहर जाते थे तो प्रेमिका को ताले में बंद करके जाते थे.

दूसरा प्रेम
हालांकि कुछ सालों में अपनी पेंटिंग्स के साथ पिकासो पहचान बनाने लगे थे. साथ ही पेंटिंग्स में शैली पर भी प्रयोग कर रहे थे. उन्होंने एक नया स्टाइल विकसित किया क्यूबिज्म, जिसे लेकर अब भी उनकी बहुत चर्चा होती है. वह व्यस्त थे. उसी समय उनके जीवन एवा गूल एक नए झोंके की तरह आई. लेकिन वो ओलिवर की तरह पिकासो के सामने हर मामले पर समझौता करने वाली नहीं बल्कि बेधड़क, बोल्ड और टकराने वाली.

ये प्रेम-संबंध बहुत छोटा रहा. एवा ने दूर होने की धमकी दी तो पिकासो ने खुद ही अपने को दूर कर लिया. एवा बर्दाश्त नहीं कर पाई. अवसाद, मनोरोग की वह शिकार हुई. टीबी की बीमारी भी. 1915 में उसकी मृत्यु हो गई. ये बात सही है कि उसकी मौत ने पिकासो को तोड़ दिया. आप जब भी पिकासो की क्यूबिज्म शैली की पेंटिंग्स देखें तो एवा को जरूर याद करें.

फिर रूसी नर्तकी जीवन में आई
फिर खूबसूरत रूसी नर्तकी ओल्‍गा कोकलोवा उनके जीवन में आई. दोनों के प्रेम संबंध भी अजीब तरीके से बने. दरअसल पिकासो के प्रेम संबंध ओल्गा की कई फ्रेंड्स से थे. उसी दौरान वो ओल्गा की ओर आकर्षित हुए. और इस कदर हुए कि उन्हें लगा कि ऐसा प्रेम उन्हें इससे पहले कभी नहीं हुआ. ओल्‍गा रूसी नर्तकी थी. यूरोप में बड़े लोगों के बीच उसका उठना बैठना था. उसने पिकासो को भी अभिजात्य सर्किल से रू-ब-रू कराया.
इसका फायदा भी उन्हें हुआ. हालांकि दोनों को कुछ समय बाद लगने लगा कि वो दोनों एक दूसरे के लिए नहीं बने हैं. उनकी शादी 1918 में हुई और अलगाव 1935 में. हालांकि इस बीच भी पिकासो के जीवन में कई लड़कियां आईं और गईं.

पिकासो ने फिर पेंटिंग्स के साथ नया प्रयोग किया. वो सुंदर चीजों को भद्देपन में बदल देते थे. उनका रंगों का इस्तेमाल भी ज्यादा लाउड और आक्रामक हो गया.

हालांकि ओल्‍गा इस दौरान पिकासो की आदतों औऱ जीवन से इतना परेशान हो गई कि उसे नर्वस ब्रेकडाउन हो गया. वो विक्षिप्‍त-सी हो गई. हालत ये हो गई कि उसने पिकासो से तलाक मांगा.  उन्होंने इसलिए ऐसा नहीं किया क्योंकि संपत्ति के एक बड़े हिस्से से हाथ धो सकते थे. दोनों के एक बेटा हुआ. 17 साल की शादी के बाद ओल्गा तब बेटे के साथ अलग हो गई जब उसने सुना कि पिकासो का अफेयर 17 साल की वाल्टर के साथ चल रहा है. ये खबरें भी आईं कि वो प्रेग्नेंट है. ओल्गा का निधन 1955 में हुआ लेकिन पिकासो ने उसे कभी तलाक नहीं दिया.

एक नई प्रेमिका
पिकासो 45 साल का हो चुका था. उसके पास शोहरत भी थी. पैसा भी. वो दुनिया के बड़े पेंटर्स में शुमार होने लगा था. यूरोप के तमाम देशों में उसकी पेंटिंग्स सराही जा रही थीं. प्रदर्शनी लग रही थी लेकिन पिकासो फिर नई नई लड़कियों की ओर आकर्षित हो रहा था. 1920 के दशक के खत्म होते होते वो 17 साल की फ्रेंच लड़की मैरी थेरेसा वाल्टर के साथ प्रेम की पींगें बढ़ा रहा था. हालांकि दोनों ने शुरू में अपने इस रिश्ते को छिपाने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पिकासो ने अपने घर के सामने एक मकान किराए पर लेकर मैरी को दिया. कुछ ही बरसों बाद उन्‍होंने एक महलनुमा स्‍टूडियो बनाया. मैरी वहां रहने लगी. 1935 में मैरी ने बेटी को जन्‍म दिया. हालांकि मैरी से रिश्ते के दिनों में पिकासो की पेंटिंग्स में भी खुशी और उत्साह झलकता था. उसकी पेटिंग में इन दिनों जो स्त्री दिखती है वो दरअसल मैरी ही है.हालांकि मैरी भी बहुत दुखी होकर अपनी बेटी के साथ उन्हें छोड़कर चली गई. हालांकि पिकासो ने हमेशा उसकी आर्थिक मदद तो की लेकिन उन्हीं के चलते उसने फांसी लगाकर खुदकुशी भी कर ली.

अब डोरा मार जीवन में आई
एक तरफ तो पिकासो मैरी के साथ रह रहे थे. उसकी बेटी के पिता बन चुके थे लेकिन वह उससे उबने लगे और उनकी आंखें डोरा मार से चार हुईं. ये रिश्ता 1935 से 1943 तक चला. होरा बेइंतिहा खूबसूरत थी. जब वो पिकासो से मिली तो 26-27 की उम्र की थी. कहा जाता है कि पिकासो की महान पेंटिंग गेर्निका डोरा मार से प्यार की परिणति है. इसमें सुंदर सा महिला का चेहरा डोरा का ही है, जो युद्ध की विभीषिका में रो रही है.सात साल बाद पिकासो डोरा मार से भी अलग हो गए. डोरा को इससे गहरा सदमा लगा.

पिकासो की अजीब मानसिकता
पिकासो हमेशा उन हालात को पसंद करते थे जब दो महिलाएं उनके लिए आपस में लड़ जाएं. मैरी और डोरा के बीच उनके सामने जमकर हाथापाई हुई औऱ पिकासो कुर्सी पर बैठकर उसका आनंद लेते रहे.

फिर 30 साल छोटी जीलो पर मरमिटे
पिकासो 63 साल के थे और तब पेंटिंग्स की मेघावी छात्रा 23 वर्षीय जीलो उनपर मरमिटी. वो खुद बहुत शानदार पेंटर थी. अगर वो पिकासो की बजाए स्वतंत्र रहकर काम करती तो ज्यादा बड़ी पेंटर बन सकती थी. हालांकि उसने आर्ट क्रिटिक के तौर पर काफी नाम कमाया. बाद में जीलो की स्थिति भी पागलपन वाली होने लगी. उसने 10 साल साथ रहने के बाद पिकासो को छोड़ दिया
अलग होने के बाद उसने किताब लिखी- लाइफ़ विद पिकासो, जिसकी लाखों प्रतियां बिकीं. पिकासो ने इसका प्रकाशन रुकवाने के लिए कोर्ट का रुख भी किया लेकिन उस मुकदमे में वो हार गए.

1940 और 1950 के दशक में पिकासो के साथ रही फ्रेंग्सवाज जीलो भी पिकासो के बच्चों की मां बनी. जीलो लिखती हैं, “मुझे लगने लगा था कि अगर मैं उसे और करीब से देखूंगी या साथ रहूंगाी तो उनकी आधा दर्जन पूर्व पत्नियों के सिर फंदे से लटके मिलेंगे.फिर 27 साल की जैकलीन के साथ दूसरी शादी की
पिकासो बेशक बूढे हो रहे हों लेकिन दिल से जवान होते जा रहे थे. ज्यादा रोमानियत भरे होते जा रहे थे. अबकी बार उनके जीवन कई छिटपुट संबंधों के बाजद 27 साल की जैकलीन रोके से रिश्ते बने. रोके से उन्हें पहली नजर में प्यार हो गया. वह 06 महीने तक लगातार हर रोके को गुलाब देते रहे. आखिरकार विवाहित रोके भी उनके प्यार में पड़ गई.
फिर पति को तलाक देकर पिकासो से शादी कर ली. ये शादी 1961 में हुई यानि पिकासो की उम्र 80 की होने पर. रोके न केवल उनकी पत्‍नी थी, बुढ़ापे का भी सहारा, बल्कि उनकी सेक्रेटरी भी. 1973 में पिकासो की मौत के बाद उनकी जायदाद को लेकर विवाद हो गया.वो प्रेमिका कौन थी, जो उनकी मोनालिसा बनी
शायद ये बात तब की जब पिकासो ने दूसरी शादी नहीं की थी. तब उनके जीवन में एक और लड़की आई. जो उनसे 50 साल छोटी थी. उसका नाम था सिलवेट डेविड. दोनों की मुलाकात 1954 में हुई. पिकासो तब अंतरराष्ट्रीय सैलेब्रिटी थे. फ्रांस के वैलेयुरिस में आलीशान महल में रहते थे. 70 बरस से अधिक के हो चले पिकासो की नज़र तब सिलवेट पर पड़ी. 19 साल की सिलवेट के बाल सुनहरे थे और वह सिर पर ऊंची चोटी बांधा करती थीं.

कुछ ही महीने पहले सिलवेट और उनके मंगेतर टोबी जेलीनेक वैलेयुरिस शहर आए थे. उसके पति ने वहीं अपना फर्नीचर का स्टूडियो खोला, जहां से पिकासो ने कुछ कुर्सियां खरीदी थीं. वहां उनकी निगाह पहली बार सिलवेट पर पड़ी. वो मोहित हो गए. उन्होंने उसकी एक पेंटिंग बनाई.बालों की लट और पोनीटेल वाली एक महिला की यह साधारण सी तस्वीर थी.

फिर उन्होंने सिलवेट स्टूडियो में नियमित तौर पर बैठने के लिए मनाया ताकि उसकी कुछ पेंटिंग्स बना सकें. पिकासो ने सिलवेट के 60 से अधिक रेखाचित्र बना डाले, जिसमें 28 कलाकृतियां शामिल थीं. शायद यह पहली बार था कि किसी ख़ास महिला के उन्होंने इतने रेखाचित्र बनाए हों. और यही सिलवेट उनकी मोनालिसा कही जाती हैं.

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