सामान्य ज्ञान
कंप्यूटर ऑन करते ही स्क्रीन पर विंडोज लिखा हुआ आना साधारम सी बात लगती है। विंडोज-1, 20 नवंबर वर्ष 1985 में पहली बार दुनिया के सामने आया।
कंप्यूटर या स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों के बीच विंडोज जाना पहचाना नाम है। बिल गेट्स ने विंडोज-1 ऑपरेटिंग सिस्टम को 20 नवंबर 1985 को बाजार में उतारा। एक नीली स्क्रीन पर आपके काम के प्रोग्रामों के आइकन, माउस रख कर आइटम को सिलेक्ट करना या फिर ड्रॉप डाउन करना इसकी खासियत थी। साथ ही एक कार्यक्रम को बीच में ही छोड़, बगैर बंद किए दूसरे पर काम करना यानी मल्टीटास्किंग भी यहीं से संभव हुआ।
इससे पहले तक कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट का ही ऑपरेटिंग सिस्टम डॉस इस्तेमाल किया जाता था। तब तक लोगों को निश्चित निर्देशों को टाइप करने की जरूरत पड़ती थी। एक गलत कमांड और कंप्यूटर आपकी बात मानने से इंकार कर देता, लेकिन विंडोज में स्क्रीन पर दिए गए विकल्पों पर क्लिक मात्र करने से कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों का जीवन आसान हो गया।
धीरे-धीरे यह ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के साथ साथ स्मार्टफोन में भी इस्तेमाल होने लगा। इसी साल माइक्रोसॉफ्ट ने समय के साथ तकनीक बदलते हुए विंडोज का नया रूप विंडोज-8 बाजार में पेश किया। स्मार्टफोन में एंड्रॉयड और आईओएस की लोकप्रियता के चलते विंडोज को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था, लेकिन इस ताजा संस्करण ने एक बार फिर लोगों को विंडोज की तरफ खींचा है। हालांकि स्मार्टफोन के बाजार में नोकिया ही विंडोज का बड़ा साथी है।