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रायपुर, 20 नवंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया।
कैट ने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक एवं दीपावली मिलन समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, वाईस चेयरमेन सहित अनेक व्यापारी नेता शामिल हुए। सभी जिला ईकाईयों के पदाधिकारियां एवं व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी एवं कैट के सदस्यगण तथा व्यापारीगण उपस्थित थे।
वाइस चेयरमेन बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि आने वाला समय ई-मार्केट का होने वाला है। लोग ऑनलाईन शॉपिंग करना चाहते हंै। बाजार कोई जाना नहीं चाहता है। अभी अमेजान फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाईन के पोर्टल से शॉपिग कर रहे हैं। जो कि विदेशी कम्पनियां हैं। कैट ने ई-भारत मार्केट पोर्टल लांच किया है। हम सभी व्यापारियों को इस पोर्टल पर अपनी दुकान खोलने हेतु रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए। जिससे कि ई-भारत मार्केट पोर्टल विश्व की सबसे बड़ी ऑनलाईन शॉपिंग पोर्टल बन सके।
राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खण्डेलवाल ने बताया कि देश में 8 करोड़ व्यापारी हैं, जो लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। वर्ष में लगभग 115 लाख करोड़ का व्यापार करते हैं। जिसमें से देश के लगभग 6 प्रतिशत व्यापारियों को ही बैंक से लोन मिलता है। शेष 94 प्रतिशत व्यापारी अन्य किसी माध्यम से व्यापार के लिए लोन लेता है। हमें अपनी व्यापार में डिजीटल तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए जैसे कि फेसबुक एवं व्हाट्सअप आदि।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि पहले विश्व का 2 तिहाई व्यापार भारत से होता था इसलिए भारत को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। उस जमाने में भारत में निर्मित स्वदेशी वस्तुओं की मांग बहुत अधिक थी। पहले व्यापार व्यापारी के अनुसार होता था लेकिन आज जमाना बदल गया है अब व्यापार ग्राहकों के अनुसार हो रहा हैं। पूरा सिस्टम बदल गया है।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट सीजी चैप्टर प्रदेश में विगत 4 वर्षों से कार्यरत है। इस अल्प समय में ही प्रदेश में लगभग 250 से अधिक व्यापारिक संगठनों ने (कैट) की सदस्यता ग्रहण कर ली है, जिनके माध्यम से प्रदेश के 6 लाख से अधिक व्यापारी एवं उद्योग संगठन से जुड चुके है। छत्तीसगढ़ के व्यापारियों हितों में कार्य करती आ रही है। कैट मुख्यालय दिल्ली से निर्देशित व्यापारिक हितों की जानकारी प्रदेश के सभी व्यापारियों को देकर उन्हे जागरूक करती आ रही है।