सामान्य ज्ञान
बिहार प्रदेश में नालंदा के निकट स्थित राजगृह का बड़ा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। महाभारत काल में यह जरासंघ की राजधानी थी। बौद्घ काल में बिंबसार ने इसे मगध राज्य की राजधानी बनाया। तीर्थकर महावीर और गौतम बुद्घ का भी यह प्रिय स्थान रहा है। गौतम अपने अधिकांश वर्षाकाल यहीं बिताया करते थे। राजगृह और उसकी निकटवर्ती पर्वतमालाओं में हिंदू, जैन और बौद्घों के अनेक मंदिर है। एक पर्वतमाला के बुद्घ मंदिर को रज्जुमार्ग से जोड़ा गया है और यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन गया है। राजगृह में गर्म जल के सोते और कुंड हैं। जिनमें स्नानार्थियों की भीड़ रहती है।
एक अन्य विवरण के अनुसार कैकय राज्य की राजधानी का नाम भी राजगृह था। भरत को अयोध्या लाने के लिए अयोध्या का दूत राजगृह ही गया था। इसके मार्ग का जो वर्णन प्राप्त है, उसके अनुसार यह स्थान पश्चिम में झेलम नदी के उस पार कहीं पर स्थित था।