सामान्य ज्ञान
डॉ. ए. आर. किदवई पर हाल ही में एक किताब प्रदर्शित हुई है -‘मैमार-ए-कौम - डॉ. ए. आर. किदवई जिसे मुफ्ती अताउर रहमान अंसारी ने संपादित किया है। यह किताब डॉ. किदवई के जीवन पर आधारित है।
डॉ. किदवई वर्ष 1951-67 के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे। डॉ. किदवई का मेवात विकास बोर्ड हरियाणा की स्थापना में विशेष योगदान दिया। वे वर्ष 1967-79 के दौरान संघ लोक सेवा आयोग अध्यक्ष तथा सदस्य रहे। वर्ष 1979-85 तथा 1993-98 के दौरान वे दो बार बिहार के राज्यपाल रहे। वर्ष 1998-99 के दौरान वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 2004 में वे हरियाणा के राज्यपाल रहे। वर्ष 2000-04 के दौरान वे राज्य सभा के सदस्य रहे। वे निम्नलिखित संसदीय समितियों के सदस्य बने रहे- वर्ष 2000-04 के मध्य विज्ञान एवं तकनीकी, पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों की सलाहकार समिति , वर्ष 2000-04 के मध्य कृषि, जल संसाधन तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थायी समितियां और वर्ष 2000-04 के मध्य अधीनस्थ विधान समिति ।