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करोड़ों की नींद उड़ीः भारत में बैन होगी निजी क्रिप्टोकरंसी
24-Nov-2021 2:14 PM
करोड़ों की नींद उड़ीः भारत में बैन होगी निजी क्रिप्टोकरंसी

भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बिल पेश करने जा रही है. सरकार ने कहा है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक के समर्थन वाली डिजिटल करंसी के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे.

  (dw.com) 

लोकसभा ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बिल लाया जाएगा. इस बिल में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव है. पिछले हफ्ते ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बिटकॉइन युवाओं के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. उन्होंने कहा था कि अगर ये गलत हाथों में पड़ जाएं तो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकती हैं.

भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है. इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था.
निजी करंसी पर चिंता

भारत में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है. पिछले साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी पर लगे प्रतिबंध के आदेश को पलट दिया था जिसके बाद लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें निवेश किया. चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में क्रिप्टोकरंसी में निवेश 600 प्रतिशत बढ़ा है.

एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है. इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है. भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है.

बीते जून में भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान किया था कि वह अपनी डिजिटल करंसी लाने की योजना पर काम कर रहा है और इस साल के आखिर तक इसे पेश किया जा सकता है. बैंक ने बिटकॉइन, ईथीरियम और अन्य निजी करंसियों को लेकर चिंता भी जताई थी.

ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए. लेकिन इस बिल के बारे में कोई और जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है.

निवेशकों की नींद उड़ी
इस प्रस्तावित बिल की भाषा ने करोड़ों निवेशकों की नींद उड़ा दी है. क्रिप्टो-एजुकेशन प्लैटफॉर्म बिटाइनिंग चलाने वाले काशिफ रजा कहते हैं, "भाषा ने लोगों को परेशान कर दिया है. उद्योग को उम्मीद थी कि हाल ही में सरकार से हुई बातचीत के बाद ज्यादा अनुकूल कदम उठाए जाएंगे.”

रजा ने बताया, "जाहिर है कि उद्योग तो पूरी तरह बंद हो जाएगा. धीरे-धीरे यह इंडस्ट्री अपनी मौत मर जाएगी. बौद्धिक संपदा कहीं और चली जाएगी. निवेशकों का नुकसान होगा.”

भारत में 2013 में क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत हुई थी लेकिन तभी से इसे लेकर संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं. मोदी सरकार द्वारा विवादास्पद नोटबंदी करने के बाद क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े. इसके बाद 2016 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन दो साल बाद सुप्रीमकोर्ट ने उस प्रतिबंध को पलट दिया.

बीते कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की बाढ़ आ गई थई. कॉइनस्विचकूबर, कॉइनडीसीएक् और अन्य घरेलू क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज टीवी चैनलों, वेबसाइटों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर विज्ञापन दे रहे थे.

टैम स्पोर्ट्स के एक अनुमान के मुताबिक इन कंपनियों ने हाल ही हुए टी20 वर्ल्ड कप के दौरान विज्ञापनों पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए. आलम यह था कि दर्शकों ने प्रति मैच क्रिप्टोकरंसी के औसतन 51 विज्ञापन देखे.

वीके/एए (रॉयटर्स)
 

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