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पाकिस्तान: ऑडियो क्लिप पर मरियम और इमरान में नोकझोंक
26-Nov-2021 10:12 AM
पाकिस्तान: ऑडियो क्लिप पर मरियम और इमरान में नोकझोंक

MARYAM NAWAZ SHARIF/FACEBOOK

पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से एक लीक ऑडियो क्लिप को लेकर सियासी भूचाल आया हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी अब इस पर मुंह खोला है और इस पूरे मामले को ड्रामा करार दिया है.

इमरान ख़ान ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश का ये कथित ऑडियो टेप एक 'ड्रामा है' और तब आया है जब पनामा पेपर्स मामले में नवाज़ शरीफ़ के परिवार के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ.

जिस टेप को लेकर हंगामा हो रहा है उसमें कथित तौर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश मियाँ साक़िब निसार को किसी व्यक्ति को ये कहते सुना जाता है कि इमरान ख़ान को सत्ता में लाने के लिए नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ को सलाखों के पीछे रखना ज़रूरी है.

इस क्लिप में कथित तौर पर न्यायाधीश निसार को कहते सुना गया है, "मैं अगर खरी-खरी बात करूँ, तो दुर्भाग्य से हमारे यहां ऐसे तंत्र हैं जो बताते हैं कि क्या फ़ैसले दिए जाएं. इस मामले में, हमें मियाँ साहब (नवाज़ शरीफ़) को सज़ा देनी होगी. मुझसे कहा गया है कि हमें ख़ान साहब (इमरान ख़ान) को सत्ता में लाना है."

फ़ैक्ट फ़ोकस नामक वेबसाइट पर जारी हुई इस क्लिप में ये भी कहते सुना जाता है कि नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ को भी सज़ा देनी होगी, हालांकि उनके ख़िलाफ़ सुबूत नहीं हैं.

क्लिप में फ़ोन के दूसरी ओर मौजूद व्यक्ति कहता है कि 'मरियम को तो सज़ा नहीं हो सकती'. इस पर कथित तौर पर जस्टिस निसार कहते हैं, "आप बिल्कुल सही हैं. मैंने अपने दोस्तों से कहा भी कि इस बारे में कुछ करना होगा, मगर वो माने नहीं. न्यायपालिका आज़ाद नहीं रहेगी. तो, ठीक है, यही सही."

पूर्व मुख्य न्यायाधीश की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनकी पार्टी इस क्लिप के सामने आने के बाद से लगातार मांग कर रहे हैं कि पूर्व न्यायाधीश ये बताएं कि किसने उनको इमरान ख़ान को फ़ायदा पहुंचाने वाला फ़ैसला देने पर मजबूर किया.

पूर्व न्यायाधीश निसार इस लीक्ड ऑडियो टेप में अपनी आवाज़ होने से इनकार करते हैं और इसे 'छेड़छाड़' की हुई क्लिप बताते हैं.

पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन से उन्होंने कहा- "मैंने कभी भी इस ऑडियो क्लिप में सुनाई दे रहे व्यक्ति से बात नहीं की है."

इमरान ख़ान ने बुधवार को इस्लामाबाद में कामयाब जवान सम्मेलन में पहली बार इस कथित टेप पर खुलकर बात की और इसे एक ड्रामा बताते हुए विस्तार से इसकी चर्चा की.

उन्होंने कहा कि 25 साल पहले जब उन्होंने राजनीति में क़दम रखा था तब भ्रष्टाचार देश की सबसे बड़ी समस्या थी.

उन्होंने कहा, "जिस मुल्क़ के अंदर उसका नेता, उसका प्राइम मिनिस्टर और वज़ीर चोरी शुरू कर दे, मुल्क़ का पैसा बाहर ले जाना शुरू कर दें, क्योंकि अगर मुल्क़ में रखेंगे तो नज़र आ जाएगा लोगों को, तो दोगुना नुक़सान होता है. क़ौमें ग़रीब इसलिए होती हैं जब उनके अपने सरबराह, अपने वज़ीर चोरी करते हैं, वो मुल्क़ कभी आगे नहीं बढ़ सकता."

उन्होंने कहा कि 2016 में जब पनामा पेपर्स आया था तो पता चला कि लंदन के सबसे महंगे इलाक़े में मरियम नवाज़ के पास चार फ़्लैट हैं जिनकी कीमत 'अरबों रुपए' है.

इमरान ख़ान ने कहा कि इसके बाद ये मामला अदालत में गया, फिर सुप्रीम कोर्ट में आया जहां नवाज़ शरीफ़ को सज़ा हुई.

इमरान ख़ान ने कहा, "अब बजाय ये कि आप अदालतों और पाकिस्तानियों को ये बता दें कि पैसा आया कहां से इन बड़े-बड़े फ़्लैटों के लिए, आप अदालत को बुरा-भला कहने लगे, और फिर फौज को बुरा-भला कहा, और मुझे तो वो कहते ही हैं कि मैं बहुत जालिम हूँ. तो बजाय ये कहने के आपने ये चार फ़्लैट कैसे लिए, आप सारी चीज़ें कर रहे हैं, मगर जवाब नहीं दे रहे."

इमरान ख़ान ने साथ ही कहा कि उन्हें एक बात को लेकर अफ़सोस होता है.

उन्होंने कहा, "लाहौर में एक कार्यक्रम होता है जिसमें चीफ़ जस्टिस को बुलाया जाता है, सुप्रीम कोर्ट के जजों को बुलाया जाता है. और उधर कौन तक़रीर करता है, वो आदमी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा दी हुई है, जो झूठ बोलकर मुल्क़ से भागा हुआ है."

इमरान ख़ान ने ये टिप्पणी लाहौर में इसी सप्ताह हुए आसमां जहांगीर कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के शामिल होने पर की.

इस आयोजन को लेकर उस वक्त विवाद हुआ था जब नवाज़ शरीफ़ के वीडियो लिंक से हो रहा भाषण बीच में रूक गया. आयोजकों ने बताया कि नवाज़ शरीफ़ का भाषण शुरू होते ही सभास्थल पर इंटरनेट बाधित हो गया.

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार आयोजकों ने कार्यक्रम के बाद एक बयान जारी कर सरकार के मनमाने रवैये पर अफ़सोस जताया.

मरियम की माँग
नवाज़ शरीफ़ की बेटी और उनकी पार्टी पीएमएल (नवाज़) ने भी बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और पूर्व चीफ़ जस्टिस मियाँ साक़िब निसार पर साहस दिखाने और जनता को ये बताने की अपील की कि उनके ऊपर किसने दबाव डाला.

इस कथित वीडियो क्लिप के सामने आने के तीन दिन बाद मरियम नवाज़ ने कहा कि इस क्लिप की सत्यता पर सवाल उठाने की कोशिशें की जा रही हैं, और कुछ चैनल ये प्रोपेगैंडा कर रहे हैं कि ये क्लिप जस्टिस निसार की अलग-अलग समय पर कही गई बातों को मिलाकर बनाया गया है.

मगर मरियम नवाज़ ने सवाल उठाया कि यदि ऐसा है भी तो जस्टिस निसार ने किस भाषण में इस ऑडियो क्लिप की सबसे गंभीर बात कही है कि मरियम और नवाज़ शरीफ़ को संस्थाओं के निर्देशों पर सज़ा दी जाएगी.

मरियम ने ये भी कहा एक प्रतिष्ठित अमेरिकी कंपनी के विरूद्ध भी प्रोपेगेंडा किया जा रहा है जिसने इन ऑडियो क्लिप की जाँच की है और बताया जा रहा है कि उन्होंने कहा है कि इसे ना तो एडिट किया गया है और ना ही इसके साथ छेड़छाड़ हुई है.

इस बीच इस कथित ऑडियो क्लिप की फ़ोरेंसिक जाँच करने वाली कंपनी गैरेट डिस्कवरी ने ट्विटर पर बताया है कि उन्हें मंगलवार को फ़ोन पर धमकी दी गई.

कंपनी ने लिखा है, "हमारे यहां आज एक फ़ोन आया कि हमारी ज़िंदगी ख़तरे में है और उसी शख़्स ने कहा कि वो हमारे ख़िलाफ़ अदालत में जा रहा है."

कंपनी ने साथ ही लिखा, "हमारी टीम को किसी बात के लिए धमकाना अनैतिक है." (bbc.com)

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