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भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इन्फ़ोकॉम द्वारा हाल ही में अपने प्रीपेड टैरिफ़ में बढ़ोतरी कर देने से उन्हें हर साल 7,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फ़ायदा होगा जो कि उनके पास फ़्री कैश फ़्लोज़ के रूप में आएगा.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि जहां एक ओर जियो और एयरटेल को टैरिफ़ प्लान बढ़ाने से लाभ मिलेगा वहीं वोडाफ़ोन-आइडिया को अपने नुक़सान की भरपाई में थोड़ी मदद मिलेगी.
अख़बार का कहना है कि इन दामों के बढ़ाने से भारती एयरटेल और जियो का औसत राजस्व प्रति यूज़र मार्च 2022 तक क्रमश: 25 रुपये और 20 रुपये होगा जो आगे चलकर 153 रुपये और 144 रुपये हो सकता है.
वहीं वोडाफ़ोन-आइडिया का औसत राजस्व प्रति यूज़र मार्च के अंत तक 5 रुपये से 114 रुपये तक बढ़ने की संभावना है. हालांकि, राजस्व को लेकर जूझ रही यह टेलीकॉम कंपनी अपना डाटा नेटवर्क बढ़ा पाने और कम राजस्व देने वाले फ़ीचर फ़ोन यूज़र को 4G पर ला पाने में असमर्थ रही है.
बीते सप्ताह भारती एयरटेल और वोडाफ़ोन-आइडिया के अपने प्रीपेड टैरिफ़ में बढ़ोतरी किए जाने के बाद रविवार को जियो ने भी अपने प्रीपेड टैरिफ़ में 20-21% की बढ़ोतरी की थी जो 1 दिसंबर से प्रभावी होगी.
टेलीकॉम कंपनियों का उद्देश्य इन टैरिफ़ के बढ़ाने से अपने उपभोक्ताओं से अधिक राजस्व वसूल करना है.
जियो के दाम बढ़ा देने के बाद वोडाफ़ोन-आइडिया के एनएसई में शेयर 4.3% तक बढ़ गए. मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि इससे वोडाफ़ोन-आइडिया और भारती एयरटेल के सब्सक्राइबर में कोई कमी या बढ़ोतरी नहीं देखने को मिलने वाली है.
गोल्डमैन सैक्स अपनी रिपोर्ट में कहता है, "हालिया दामों में बढ़ोतरी एयरटेल और जियो के सालाना FCF में 1 अरब डॉलर का योगदान देगी और वो Vi के मार्केट शेयर से लाभ लेती रहेगी." (bbc.com)