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पाकिस्तानी मॉडल ने करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर माँगी माफ़ी- क्या है मामला
30-Nov-2021 6:55 PM
पाकिस्तानी मॉडल ने करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर माँगी माफ़ी- क्या है मामला

करतारपुरइमेज स्रोत,TWITTER

पाकिस्तान में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में पाकिस्तानी डिज़ाइनर कपड़ों के विज्ञापन की शूटिंग की तस्वीर सामने आने के बाद पाकिस्तान और भारत के सोशल मीडिया में इसकी आलोचना की जा रही है.

यहां हम आपको ये बताते चलें कि गुरुद्वारे में तस्वीर लेना या महिलाओं का जाना मना नहीं है लेकिन इस जगह पर सिर ढंककर रखना एक ज़रूरी नियम है जिसका पुरुष एवं महिलाएं दोनों पालन करते हैं.

आलोचना होने के बाद विज्ञापन की मॉडल ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में सिख समुदाय से माफ़ी मांगी है और कहा है कि यह मॉडलिंग का शूट नहीं था.

उन्होंने लिखा, "मैंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की जो किसी शूट का हिस्सा नहीं थी. मैं करतारपुर सिर्फ़ इतिहास और सिख धर्म के बारे में जानने के लिए गई थी. ऐसा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया गया लेकिन फिर भी अगर मैंने किसी को दुख पहुंचाया या उन्हें लगता है कि मैंने उनके धर्म का सम्मान नहीं किया तो मैं उसके लिए माफ़ी मांगती हूं."

मामले का कैसे पता चला
ग़ौरतलब है कि भारतीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने ट्विटर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और धार्मिक मामलों के मंत्रालय को टैग करते हुए इस मामले की शिकायत की थी.

उन्होंने लिखा था, "गुरुद्वारा परिसर में एक लाहौरी महिला ने सिर ढंके बग़ैर महिलाओं के कपड़े के लिए मॉडलिंग की है जिससे बहुत सिखों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंची है."

उन्होंने लिखा कि न सिर्फ़ शूटिंग की गई बल्कि इसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया गया.

इसके जवाब में पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने लिखा है कि 'डिज़ाइनर और मॉडल को सिख समुदाय से माफ़ी मांगनी चाहिए. करतारपुर साहिब एक धार्मिक जगह है न कि किसी फ़िल्म का सेट."

पाकिस्तान में पंजाब पुलिस ने रविंदर सिंह रॉबिन के ट्वीट के जवाब में कहा है कि वो इस मामले के तमाम पहुलओं की जांच कर रही है और ब्रैंड और मॉडल से पूछताछ की जा रही है.

सोशल मीडिया पर तस्वीर को लेकर काफ़ी विरोध देखने को मिला था जिसके बाद 'मन्नत क्लॉथिंग' ने अपने अकाउंट पर इस पर सफ़ाई जारी करते हुए कहा कि उन्होंने ये शूट करवाया ही नहीं और ये तस्वीर तीसरे पक्ष की ओर से आई थीं.

इसके बावजूद उन्होंने ग़लती को स्वीकार किया कि उन्हें ये तस्वीर पोस्ट नहीं करनी चाहिए थी और अब उन्होंने वो तस्वीर हटा दी है.

मॉडल की ओर से माफ़ी
आलोचनाओं के बाद मॉडल ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में लिखा है कि 'जब मैं वहां गई तो मैंने सिखों और दूसरे लोगों को तस्वीर लेते देखा और मैंने भी उन लोगों के लिए उनकी भी बहुत सी तस्वीरें लीं. मैंने वहां दोस्त बनाए. सिख बहुत उदार और प्यार करने वाले लोग हैं. मैं कभी भी जानबूझकर उन्हें दुख नहीं पहुंचा सकती."

"मैं सिख धर्म का बहुत सम्मान करती हूं और मैं तमाम सिख समुदाय से माफ़ी चाहती हूं. ये तमाम तस्वीर सिर्फ़ उस याद का हिस्सा हैं कि मैं वहां गई थी. न इससे कुछ ज़्यादा और न इससे कुछ कम, हालांकि मैं भविष्य में इन चीज़ों के बारे में ज़्यादा ध्यान रखूंगी."

उन्होंने आख़िर में अपनी पोस्ट को शेयर करने की अपील की है ताकि 'लोगों को पता चल सके कि मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया.'

भारत में आलोचना
दिल्ली में शिरोमणी अकाल दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कपड़े की शूटिंग करने वाली मॉडल की तस्वीर सामने आने के बाद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से कार्रवाई की मांग की है.

मनजिंदर सिंह ने इसको लेकर कई ट्वीट किए और लिखा 'इस तरह का व्यवहार और तरीका गुरु नानक देव जी की जगह पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. क्या वो इस तरह का काम अपनी धार्मिक जगह पर पाकिस्तान में कर सकती हैं?'

इसके साथ-साथ उन्होंने पाकिस्तान सरकार से अपील की कि मॉडल के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए.

ग़ौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान में इस तरह घटनाएं पहले भी हुई हैं जिन पर काफ़ी विरोध जताया गया है.

लाहौर की ऐतिहासिक बादशाही मस्जिद में भी शूटिंग पर हंगामा हुआ था जबकि मस्जिद वज़ीर ख़ान में एक गाने की शूटिंग करने पर अभिनेत्री सबा क़मर और गायक बिलाल सईद के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया था.

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इस तरह भारत में एक मंदिर में किस सीन को लेकर ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ़्लिक्स के बायकॉट की बात कही गई थी.

मस्तूरा हिजाज़ी नामक एक यूज़र ने सोशल मीडिया पर लिखा, "इस्लाम में धार्मिक जगहों को अपवित्र करने की सख़्त मनाही है. इस महिला और जिस ब्रांड का वो विज्ञापन कर रही हैं उसे पाकिस्तान के क़ानून के तहत सज़ा दी जानी चाहिए."

एक यूज़र सुहैब निहाल ने लिखा, "मुझे उम्मीद है कि सरकार इसका संज्ञान लेगी. किसी को भी किसी की धार्मिक जगहों के अपमान की इजाज़त नहीं है."

पाकिस्तान से मोहम्मद ओसामा ने लिखा, "ये बहुत असभ्य है. तमाम धर्मों का सम्मान ज़रूरी है. हम सिख समुदाय के साथ खड़े हैं."

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