अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी मुस्लिम महिला सांसद इल्हान उमर ने बताया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है. उन्होंने एक वॉयस मेल जारी किया, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई.
उमर ने सांसद लॉरेन बोबर्ट से उनके मुस्लिम विरोधी बयानों पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की थी. जिसे बोबर्ट ने सिरे से ख़ारिज कर दिया था.
मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में इल्हाम ने रिपब्लिकन नेतृत्व से इस बाबत कहा कि मुस्लिम विरोधी नफ़रत के ख़िलाफ़ खड़े हों और उन्हें रोकें, जो इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.
बोबर्ट ने उमर को जिहादी समूह की सदस्य और आत्मघाती हमलावरों से जुड़ा हुआ बताया था.
उमर ने कहा कि उन्हें यह वॉयस मेल सोमवार को मिला, जब बोबर्ट ने एक फ़ोन कॉल के दौरान सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था. बीते हफ़्ते बोबर्ट ने उमर पर जो टिप्पणी की थी, उसके बाद से दोनों सांसद खुल कर एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं.
अमेरिकी संसद के बाहर उमर के वीडियो को देखकर बोबर्ट ने कहा था कि उन्हें यह देख कर राहत मिली कि उनके पास कोई बैकपैक नहीं है.
बोबर्ट ने बीते हफ़्ते इसे लेकर माफ़ी भी मांगी थी.
उन्होंने ‘मुस्लिम समुदाय में मैंने, जिसे भी ठेस पहुँचाई हो’ कहते हुए माफ़ी मांगी थी, लेकिन तब उन्होंने सीधे तौर पर उमर का नाम नहीं लिया था.
सोमवार को फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद उमर और बोबर्ट ने एक-दूसरे की आलोचना करते हुए बयान जारी किया.
उमर ने कहा, "मैं उनके साथ बातचीत करने में यक़ीन रखती हूँ, जो सम्मानजनक तरीक़े से आपसे मतभेद रखते हैं. लेकिन तब नहीं जब वह मतभेद घृणा या अन्य नकारात्मक कारणों पर आधारित हों."
उन्होंने कहा, "मैंने उस बेकार के फ़ोन कॉल को बीच में ही ख़त्म करना सही समझा."
वहीं बोबर्ट ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा, "माफ़ी स्वीकार नहीं करना और कॉल बीच में काट देना, ख़राब संस्कृति की पहचान और डेमोक्रेटिक पार्टी का आधार है."
क़रीब एक हफ़्ते पहले बोबर्ट ने अपने क्षेत्र के लोगों के साथ हुई बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें इल्हान उमर से बातचीत का ज़िक्र था.
हालांकि उमर का कहना है कि दोनों के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई.
जिहादी दस्ते का हिस्सा कहे जाने के विरोध में इल्हान को न्यूयॉर्क के जमाल बोमन का भी समर्थन मिला है.
इल्हान मूल रूप से सोमालिया की हैं. सोमालिया से पलायन कर उनका परिवार अमरीका में शरणार्थी के तौर पर बस गया था.
2018 में हुए चुनावों में मिनेसोटा से जीतकर इल्हान उमर हाइस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में आई थीं. वो पहली दो मुसलमान महिलाओं में से एक हैं जो अमरीकी कांग्रेस तक पहुंचीं हैं.