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महिला टेनिस संगठन ने चीन में रद्द की प्रतियोगिताएं
02-Dec-2021 2:18 PM
महिला टेनिस संगठन ने चीन में रद्द की प्रतियोगिताएं

विश्व महिला टेनिस की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी पेंग श्वाई के साथ चीन में जो हो रहा है उसे लेकर विश्व महिला टेनिस संगठन ने चीन में अपनी सारी प्रतियोगिताएं रद्द कर दी हैं. कई खिलाड़ियों ने इस कदम की सराहना की है.

(dw.com)

पेंग ने नवंबर में सोशल मीडिया पर लिखी एक पोस्ट में चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री जांग गाओली पर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. उसके बाद वो एक तरह से गायब हो गईं और उनके आरोपों को भी सार्वजनिक मंचों से हटा दिया गया.

हालांकि वो करीब तीन सप्ताह बाद एक बार फिर नजर आईं. सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों और वीडियो में वो अपने दोस्तों के साथ खाना खाते और बच्चों के एक टेनिस टूर्नामेंट में नजर आईं. 21 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने 30 मिनट तक पेंग से वीडियो कॉल पर बात भी की, जिस दौरान पेंग ने उन्हें बताया कि वो सुरक्षित हैं.

जांच की मांग
लेकिन पेंग के आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जांग 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे लेकिन उन्होंने और सरकार ने इन आरोपों पर अभी तक कुछ नहीं कहा है. इसके अलावा चीन में इंटरनेट पर इस विषय पर चर्चा पर भी बैन लगा दिया है.

महिला टेनिस संगठन इस पूरी स्थिति को गंभीरता से ले रहा है. संगठन के मुख्य कार्यकारी स्टीव साइमन ने कहा है कि संगठन के निदेशकों के बोर्ड को यह विश्वास नहीं है कि पेंग के साथ सब ठीक है. उन्होंने बताया कि प्रतियोगिताएं रद्द करने के फैसले का बोर्ड ने पूरी तरह से समर्थन किया है.

साइमन ने आगे कहा, "हमें यह तो मालूम है कि पेंग कहां है, लेकिन हमें उनके स्वतंत्र, सुरक्षित और सेंसर, दबाव और भय से मुक्त होने पर गंभीर रूप से शक है." उन्होंने कहा कि उनका सगठन पेंग के आरोपों की पूरी और पारदर्शी जांच की मांग को दोहरा रहा है.

साइमन ने एक बयान में कहा, "पेंग श्वाई को स्वतंत्रता से अपनी बात कहने नहीं दिया जा रहा है और मालूम होता है कि उनपर यौन उत्पीड़न के अपने आरोपों का खंडन करने का दबाव भी डाला गया है, मुझे नहीं समझ में आता कि हम इन हालात में वहां अपने खिलाड़ियों को खेलने के लिए कह सकते हैं."

खिलाड़ियों का समर्थन
साइमन ने यह भी कहा, "अगर शक्तिशाली लोग महिलाओं की आवाज को दबा देंगे और यौन उत्पीड़न के आरोपों को गलीचों के नीचे सरका देंगे तो महिलाओं के लिए बराबरी के जिस आधार पर डब्ल्यूटीए की स्थापना हुई थी उसे एक बड़ा धक्का पहुंचेगा. मैं ना यह होने दे सकता हूं और ना होने दूंगा."

उन्होंने आगे कहा, "मौजूदा हालात को देखते हुए, मुझे इस बात की भी चिंता है कि 2022 में भी अगर हम चीन में कोई कार्यक्रम करेंगे तो वहां हमारे सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को जोखिम का सामना करना पड़ सकता है." चीन के विदेश मंत्रालय ने तुरंत इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.

चीन ओपन प्रतियोगिता के आयोजनकर्ताओं ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया. विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि "कुछ लोगों" को पेंग के मामले का "राजनीतिकरण" और "द्वेषपूर्ण प्रचार" बंद कर देना चाहिए. टेनिस संगठन का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब चीन फरवरी 2022 में शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है.

मानवाधिकारों पर चीन के रिकॉर्ड को देखते हुए वैश्विक अधिकार समूहों और दूसरे कई लोगों ने इन ओलंपिक खेलों के बहिष्कार की मांग की है. डब्ल्यूटीए के इस कदम का बिली जीन किंग और मार्टिना नवरातिलोवा जैसे टेनिस के महान खिलाड़ियों ने समर्थन किया है. पुरुष टेनिस में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने भी अपना समर्थन दिया है.

सीके/एए (एएफपी)

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