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मेटा ने भारत में 'फेसबुक प्रोटेक्ट' सुरक्षा कार्यक्रम का विस्तार किया
03-Dec-2021 4:07 PM
मेटा ने भारत में 'फेसबुक प्रोटेक्ट' सुरक्षा कार्यक्रम का विस्तार किया

नई दिल्ली, 3 दिसम्बर | मेटा ने घोषणा की है कि वह 'फेसबुक प्रोटेक्ट' का विस्तार कर रहा है, जो कि दुर्भावनापूर्ण हैकर्स द्वारा लक्षित लोगों के लिए अपने सुरक्षा कार्यक्रम को भारत सहित अधिक देशों में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और सरकारी अधिकारियों को कवर कर रहा है।

'फेसबुक प्रोटेक्ट' इन लोगों को दो-कारक प्रमाणीकरण और संभावित हैकिंग खतरों के लिए मॉनिटर जैसी मजबूत खाता सुरक्षा अपनाने में मदद करता है।

कंपनी ने पहली बार 2018 में 'फेसबुक प्रोटेक्ट' का टेस्ट किया और 2020 के अमेरिकी चुनावों से पहले इसका विस्तार किया।

मेटा में सुरक्षा नीति के प्रमुख नथानिएल ग्लीचर ने गुरुवार की देर रात एक बयान में कहा, "हमने इस साल सितंबर में अपना वैश्विक विस्तार शुरू किया। तब से 1.5 मिलियन से अधिक खातों ने फेसबुक प्रोटेक्ट को सक्षम किया है और उनमें से लगभग 9,50000 खातों को टू-फैक्टर ऑथिन्टिकेशन में नामांकित किया गया है।"

उन्होंने बताया, "हम संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और पुर्तगाल सहित वर्ष के अंत तक 50 से अधिक देशों में कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए ट्रैक पर हैं।"

जब तक आपको फेसबुक पर यह सूचना नहीं मिलती कि आप नामांकन के योग्य हैं, तब तक किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।

कंपनी ने कहा, "फेसबुक प्रोटेक्ट के साथ, हमने बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और समर्थन प्रदान करके लोगों के इन समूहों के लिए नामांकन और टू-फैक्टर ऑथिन्टिकेशन के उपयोग को यथासंभव बनाने के लिए काम किया है।"

मेटा ने यह भी घोषणा की है कि दुनिया भर में 50 से अधिक गैर-सरकारी संगठन भागीदारों के साथ, यह इंटरनेट पर इंटिमेट इमेजिस (एनसीआईआई) के गैर-सहमति साझाकरण को रोकने में सहायता के लिए यूके रिवेंज पोर्न हेल्पलाइन के स्टॉपएनसीआईआई डॉट ओआरजी के लॉन्च का समर्थन कर रहा है।

स्टॉपएनसीआईआई डॉट ओआरजी ऐसी तकनीक का उपयोग करता है जो इमेजिस और वीडियो को सीधे किसी व्यक्ति के डिवाइस पर हैश करती है, इसलिए उन इमेजिस या वीडियो को कभी भी किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं छोड़ना पड़ता है। (आईएएनएस)

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