सामान्य ज्ञान
ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है। क्रूज मिसाइल वह होती है जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आंख से बच जाती है। ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन से, हवा से, सबमरीन से, जहाज से यानी कि लगभग कहीं से भी दागा जा सकता है. यही नहीं इस मिसाइल को पारम्परिक लांचर के अलावा उध्र्वगामी यानी कि वर्टिकल लांचर से भी दागा जा सकता है। ब्रह्मोस के मेनुवरेबल संस्करण का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया। जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और भी बढोत्तरी हुई है।
मेनुवरेबल तकनीक यानी कि दागे जाने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले मार्ग को बदलने की क्षमता। भारतीय तटों और समुद्री सीमा की रक्षा करने वाली नौसेना के बेड़े में बहुत जल्द ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल होने वाली है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है।
आईएनएस तरकश एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस जहाज है, जिसे नौसेना में 9 नवंबर 2012 को शामिल किया गया था। यह जहाज रूस से खरीदा गया था। भारत और रूस के बीच 8000 करोड़ की डील के बाद भारत को आईएनएस तेज और आईएनएस त्रिकंड मिला। ये दोनों युद्धपोत भी मिसाइल दागने में सक्षम हैं। आईएनएस तरकश से सतह से हवा में और सतह से सतह पर मिसाइल दागी जा सकती है। इन तीनों जहाजों पर ब्रह्मोस को दागने की पूरी तकनीक लगायी गई है। ये मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम तक युद्धक सामग्री ले जा सकती है, जिसकी गति ध्वनि की गति से 2.8 गुनी होती है।