सामान्य ज्ञान

भारत में टाइगर रिज़र्व परियोजना
04-Dec-2021 9:49 AM
 भारत में टाइगर रिज़र्व परियोजना

भारत में टाइगर रिज़र्व परियोजना 1973 में प्रारंभ हुई। यह बाघ प्रजाति को सरंक्षित करने का प्रथम सफल प्रयास था। प्रथम चरण में 9 टाइगर रिज़र्व विभिन्न राज्यों में खोले गए, ये थे- मानस (असम), पलामू (बिहार), सिमलीपाल (उड़ीसा), जिम कार्बेट (उत्तर प्रदेश), कान्हा (मध्य प्रदेश), मेलघाट(महाराष्ट्र), बांदीपुर(कर्नाटक), रणथम्भौर(राजस्थान), सुंदरवन (पश्चिमी बंगाल)।  इन सभी टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या 268 थी।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की बेबसाइट के अनुसार 38 टाइगर रिज़र्व परियोजना 32137.14 वर्ग  किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। भारत में सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व नागार्जुन सागर (श्रीसेलम) आंध्र प्रदेश में है। इसका क्षेत्रफल 2527 वर्ग किलोमीटर। इसकी स्थापना 1982-83 में की गई थी।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने महाराष्ट्र के नागजिरा में एक नया टाइगर रिज़र्व विकसित करने की 28 नवंबर 2013 को घोषणा की गई।  यह टाइगर रिज़र्व 700 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित किया जाना है। नागजिरा महाराष्ट्र के भंडारा और गोंडिया जिले के बीच स्थित है।  इस टाइगर रिज़र्व में ताडोबा टाइगर रिज़र्व के अतिरिक्त बाघों को रखा जाना है। महाराष्ट्र में अभी तक चार टाइगर रिज़र्व है। यह चारों टाइगर रिज़र्व महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग में  स्थित है। जिनमें ताडोबा,  पैच, मेलघाट, और सहयाद्री (2009-10)।

सरकार ने  वर्ष 2013 में तीन नये टाइगर रिज़र्व की घोषणा की थी - मुकुंदरा हिल्स(राजस्थान), सत्यमंगलम (तमिलनाडु),  पीलीभीत (उत्तर प्रदेश)।

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