अंतरराष्ट्रीय
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि कई यूरोपीय देश अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राजनयिक मिशन खोलने पर विचार कर रहे हैं.
मैक्रों ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में राजदूतों की वापसी के लिए कई मुद्दों को हल करना पड़ा, ख़ासकर सुरक्षा को लेकर,लेकिन अब उम्मीद है कि ये मिशन जल्द ही खुल जाएगा.
हालांकि उन्होंने साफ़ किया कि मिशन के खुलने का मतलब तालिबान को राजनीतिक मान्यता देना क़तई नहीं होगा.
अगस्त में तालिबान के सत्ता में वापसी के बाद पश्चिमी देशों ने अपने राजदूत अफ़ग़ानिस्तान से हटा दिए थे.तालिबान सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जो अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधों सूची में शामिल है.
खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान मैक्रों ने क़तर में संवाददाताओं से कहा, ‘’हम कई यूरोपीय देशों के बीच एक संगठन के बारे में सोच रहे हैं. कई यूरोपीय लोगों के लिए अफ़ग़ानिस्तान में एक ही जगह हो, जहाँ हमारे राजदूत रह सकें."
‘’यह पहल तालिबान को राजनीतिक मान्यता देने या राजनीतिक बातचीत से अलग होगी.‘’
अफ़ग़ानिस्तान में अस्पतालों में दवाएं ख़त्म हो रही हैं और लोग मदद की आस लगाए हैं.अफ़ग़ानिस्तान में अस्पतालों में दवाएं ख़त्म हो रही हैं और लोग मदद की आस लगाए हैं.
शुक्रवार को फ्रांस ने ऐलान किया कि लगभग 300 लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकालने में क़तर ने मदद की और इनमें ज़्यादातर लोग अफ़ग़ान थे.
अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के समय 124,000 लोगों में से लगभग आधे से ज़्यादा लोगों ने क़तर के ज़रिए अलग-अलग देशों के लिए ट्रांज़िट उड़ान भरी थी. क़तर लंबे समय तक तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का ठिकाना भी रहा है. (bbc.com)