सामान्य ज्ञान
बालसमन्द झील जोधपुर (राजस्थान) की सबसे पुरानी झील है। इस झील का निर्माण मण्डोर के परिहार राजा बालकराव ने सन 1159 में करवाया था। इसमें एक कुआं भी है, जिसमें से आज जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पानी लेता है। इसके बाद महाराजा सूरसिंह ने इसका विस्तार किया। उसके बाद महाराजा तखतसिंह ने पट्टे का साथ वाला महल बनाया और उसके बाद महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय ने 1885 में इसके पट्टे की ऊंचाई को 20 फीट और बढ़ाया , जिसके कारण केवल आगोर के पानी से इसकी पूर्ति होती थी। इसलिए 1888 में एक नहर का निर्माण का कराया गया।
इस झील पर बने महल में अनेक बार बहुत से अन्य राज्यों के राजा , महाराजा और सेनापतियों को ठहराया गया था। महाराजा जसवंत सिंह प्रथम जिन्हें जोधपुर प्रवेश की मनाही थी, वे भी यहां पर ठहरे थे। पुराने चित्रों से मालूम होता है कि यहां पर दो महल थे, जिसमें से एक लाल और दूसरा सफेद रंग का था। लाल महल तो आज भी मौजूद है, लेकिन सफेद महल , जिसे शीशमहल कहते हैं, अब नहीं है। सफेद महल का निर्माण महाराजा तखतसिंह का रानी जाड़ेजी ने 1907 में बनवाया था।