अंतरराष्ट्रीय

बांग्लादेश में इंजीनियरिंग के 20 छात्रों को सजा-ए-मौत
09-Dec-2021 2:30 PM
बांग्लादेश में इंजीनियरिंग के 20 छात्रों को सजा-ए-मौत

बांग्लादेश में 20 यूनिवर्सिटी छात्रों को मौत की सजा सुनाई गई है. सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने वाले एक युवा की हत्या के मामले में यह सजा दी गई है.

  (dw.com)

एक सरकार विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 2019 में युवक की हत्या करने वाले 20 छात्रों को बांग्लादेश में मौत की सजा सुनाई गई है. 21 वर्षीय अबरार फहद जिस छात्र की हत्या हुई थी उसका शव हॉस्टल के उसके कमरे में बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में मिला था. फहद ने हत्या से कुछ ही घंटे पहले एक फेसबुक पोस्ट में अपनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत से जल संधि करने के लिए आलोचना की थी.

अबरार फहद को क्रिकेट बैट और अन्य पैनी-नुकीली चीजों से छह घंटे तक पीटा गया था. पीटने वाले ये 25 छात्र सत्तारूढ़ अवामी लीग के छात्र दल ‘बांग्लादेश छात्र लीग' के सदस्य थे. इनमें से 20 आरोपियों को मौत की सजा हुई है जबकि बाकी पांच को उम्रकैद. तीन आरोपी अभी भी फरार हैं.

पिता ने जताई खुशी
जिन छात्रों को सजा-ए-मौत सुनाई गई है वे सभी घटना के वक्त 20 से 22 वर्ष के बीच के थे और फहद के साथ बांग्लादेश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़ते थे. कुछ आरोपियों के वकील फारूक अहमद ने कहा कि फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी.

अहमद ने मीडिया से कहा, "मैं इस फैसले से काफी निराश हूं. यह अन्याय है. वे युवा हैं और देश के सबसे होनहार छात्रों में से हैं. उनमें से कुछ के खिलाफ तो समुचित सबूत भी नहीं थे फिर भी उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.” सजा सुनाए जाने के बाद फहद के पिता बरकतुल्लाह ने पत्रकारों से कहा, "मैं इस फैसले से खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि सजा पर अमल जल्द किया जाएगा.”

सजा के फैसले पर देश के न्याय मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि "ऐसे अपराध करने के बाद कोई भी बच नहीं पाएगा.” छात्रों के एक और अहम संगठन छात्र अधिकार परिषद ने फैसले के समर्थन में प्रदर्शन किया और सजा पर जल्द अमल की मांग की. संगठन के महासचिव अकरम हुसैन ने कहा, "यह फैसला लोगों की जीत है.”

हाल के सालों में बीसीएल का नाम हत्या, हिंसा और उगाही जैसे मामलों में कई बार आया है. 2018 में उसके सदस्यों पर एक सरकार विरोधी आंदोलन को दबाने के लिए हिंसा के प्रयोग के आरोप लगे थे. ऐसी ही एक रैली में एक छात्र की तेज बस के नीचे आ जाने से मौत भी हो गई थी.

मौत की सजा
कत्ल किए गए छात्र फहद ने फेसबुक पर भारत और बांग्लादेश के उस समझौते की आलोचना की थी जिसके तहत भारत को दोनों देशों की सीमा पर बहने वाली नदी से पानी लेने की इजाजत दी गई थी. लीक हुई एक सीसीटीवी फुटेज में फहद को बीसीएल के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हॉस्टल के गलियारे में जाते देखा गया था. इसके छह घंटे बाद उनका शव मिला. उन्हें बुरी तरह पीटा गया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

इस घटना के बाद बांग्लादेश में भारी विरोध हुआ था और प्रदर्शनकारियों ने फहद के हत्यारों को सजा के साथ-साथ बीसीएल पर प्रतिबंध की भी मांग की. प्रधानमंत्री हसीना ने तब वादा किया था कि हत्यारों को ‘सर्वोच्च सजा' मिलेगी.

बांग्लादेश में मौत की सजा आम बात है. देश में सैकड़ों लोग मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं. वहां ब्रिटिश राज के समय से ही फांसी के जरिए मौत की सजा दी जाती है. अगस्त में एक अदालत ने जो समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए छह इस्लामिक कट्टरपंथियों को मौत की सजा सुनाई थी. 2019 में 16 लोगों को 19 वर्षीय एक छात्रा को जिंदा जला देने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.

वीके/एए (एएफपी)
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news