अंतरराष्ट्रीय

2022 के लिए यूनिसेफ को चाहिए रिकॉर्ड फंडिंग
09-Dec-2021 2:34 PM
2022 के लिए यूनिसेफ को चाहिए रिकॉर्ड फंडिंग

यूनिसेफ ने दुनियाभर में मानवीय संकटों और कोविड-19 महामारी से प्रभावित करोड़ों लोगों के लिए रिकॉर्ड फंडिंग की अपील की.

  (dw.com)

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने दुनियाभर में मानवीय संकटों और कोविड-19 महामारी से प्रभावित 17.7 करोड़ बच्चों समेत 32.7 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए रिकॉर्ड 9.4 अरब डॉलर की आपातकालीन फंडिंग अपील शुरू की है.

यूनिसेफ ने दुनियाभर में चल रहे संघर्षों, जलवायु संकट और कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने के मुख्य कारणों का हवाला देते हुए 2022 के लिए 9.4 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड परिचालन बजट की घोषणा की. यूनिसेफ की इस साल की फंडिंग पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा है.

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर के मुताबिक, "दुनिया भर में लाखों बच्चे घटनाओं और जलवायु संकट के प्रभावों से पीड़ित हैं. जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी अपने तीसरे साल के करीब आ रही है लड़खड़ाती अर्थव्यवस्थाओं, बढ़ती गरीबी और बढ़ती असमानता के साथ और भी बदतर हो गई है. हमेशा की तरह, पहले से ही संकट से गुजर रहे बच्चों को तत्काल मदद की जरूरत है."

दुनिया बढ़ाए मदद के हाथ
अपील में अफगानिस्तान में यूनिसेफ की प्रतिक्रिया के लिए 2 अरब डॉलर शामिल हैं, जहां 1.3 करोड़ बच्चों को तत्काल मदद की आवश्यकता है. इनमें 10 लाख बच्चे शामिल हैं, जो ऐसे समय में गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं. अफगानिस्तान की यह अब तक की सबसे बड़ी अपील है.

यूनिसेफ ने कहा कि अतिरिक्त 93.3 करोड़ डॉलर कोविड-19 टूल्स एक्सेलेरेटर तक पहुंच के लिए आवंटित किए जाएंगे, जो कोविड-19 परीक्षणों, उपचारों और टीकों के विकास, उत्पादन और समान पहुंच में तेजी लाने का एक वैश्विक प्रयास है.

फंड सीरियाई शरणार्थी संकट के लिए 90.9 करोड़ डॉलर, सीरिया के अंदर संकट के लिए 33.4 करोड़ डॉलर, यमन में प्रतिक्रिया के लिए 48.4 करोड़ डॉलर और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में कार्यक्रमों के लिए 35 करोड़ डॉलर से अधिक की मांग कर रहा है.

इथियोपिया में जहां 1.56 करोड़ बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और जहां क्रूर लड़ाई ने उत्तर में लाखों बच्चों को विस्थापित किया है, यूनिसेफ को अपने कार्य के लिए 35.1 करोड़ डॉलर की आवश्यकता होगी. इसी साल गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम ने कहा था कि दुनिया भर में हर एक मिनट में 11 लोगों की मौत भूख के कारण हो जाती है. विश्व में अकाल जैसी परिस्थितियों का सामना करने वालों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना वृद्धि हुई.

एए/वीके (डीपीए)
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news