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एनजीटी ने 2021 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 2,288 मामलों का निपटारा किया
01-Jan-2022 7:24 PM
एनजीटी ने 2021 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 2,288 मामलों का निपटारा किया

नई दिल्ली, 1 जनवरी| नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वर्ष 2021 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 2,288 मामलों का निपटारा किया और 2,083 अर्जियां स्वीकार की।

 


एक आधिकारिक बयान में यहां कहा गया है कि ट्रिब्यूनल ने अपनी सभी पीठों में वर्चुअल तरीके से सुनवाई की और खुद अपने स्तर पर औद्योगिक दुर्घटनाओं से संबंधित मामलों की जांच पड़ताल कर इस दिशा में पर्याप्त मुआवजा दिए जाने का निर्देश भी दिया।

एनजीटी ने गंगा, यमुना, घग्गर, हिंडन,सतलुज और अन्य नदियों में पानी की गुणवत्ता संबंधी मामलों की सुनवाई की और गंगा के पुनरूद्धार पर जोर दिया तथा इस मामले को उच्चत्तम न्यायालय को हस्तांतरित किया। बयान के अनुसार नदी की सफाई के मामलों को पूरे विस्तार से सुना गया जिनमें 351 प्रदूषित विभिन्न स्थानों पर पानी की गुणवत्ता बरकरार रखने पर जोर दिया गया।

एनजीटी ने वायु की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के आधार पर पाया कि लगभग 124 शहरों में वायु की गुणवत्ता निर्धारित मानकों से अधिक प्रदूषित थी और इनके बारे में एकत्र किए गए डाटा की समीक्षा की तथा इसके अनुसार सुधारात्मक निर्देश भी दिए।

इसने वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की समीक्षा की तथा इनकी प्रदूषित क्षमता के आधार पर इनका वर्गीकरण भी किया। यह भी एक स्थापित तथ्य है कि देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में उत्तरी और मध्य क्षेत्र में धूल भरा माहौल है और इसी वजह से इन क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता में काफी गिरावट देखने को मिलती है।

एनजीटी ने विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा भी की और इनमें सड़कों को चौड़ा करने समेत बड़े राजमार्गों पर जारी विकास कार्य शामिल हैं जिन्हें अक्सर वन और वन्य जीव क्षेत्रों के मानकों के उल्लंघन के कारण कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ता है।

ट्रिब्यूनल ने इन परियोजनाओं का पर्यावरण से तारतम्य स्थापित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष और सचिव को निर्देश दिए। इस मामले के संबंध में यह भी पाया गया कि वन्यजीवों की रक्षा के लिए सड़कों को ऊंचा बनाया जाए,अंडर पास बनाए जाएं, सड़कों की तारबंदी की जाए तथा इन पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था भी हो। वन और जंगली जीवों की सुरक्षा हेतु ट्रिब्यूनल ने राजस्थान के नाहरगढ़ किले में रेस्टोरेंट तथा गैर वनीय गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए।

एनजीटी ने 2021 में औद्योगिक दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों का भी निपटारा किया जिनमें लोग हताहत हुए थे। इन सभी मामलों में ट्रिब्यूनल ने संयुक्त समितियों को गठित किया और इससे संबंधित जांच रिपोर्टें मांगी। इस तरह के मामलों की सुनवाई में यह पाया गया कि ऐसे अधिकतर केस श्रमिकों को पर्याप्त प्रशिक्षण की कमी, शेड्यूल का पूरी तरह पालन नहीं करने, रसायनों का पूरी तरह रखरखाव नहीं होने तथा ऐसे क्षेत्रों में संकट प्रबंधन जैसे मानकों का नहीं होना पाया गया था। (आईएएनएस)

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