साहित्य/मीडिया
देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. संक्रमण के चलते देश में फिर से लॉकडाउन के हालात पैदा हो रहे हैं. तमाम राज्य सरकरें नए-नए प्रतिबंधों की घोषणाएं कर रही हैं. कोरोना का असर विश्व पुस्तक मेला पर भी हुआ है. नेशनल बुक ट्रस्ट ने 8 जनवरी से होने वाले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला को फिलहाल स्थगित कर दिया है. एनबीटी का कहना है कि हालात सामान्य होने पर पुस्तक मेले की नई तारीखों की घोषणा की जाएगी.
एनबीटी द्वारा जारी एक रिलीज में कहा गया है कि डीडीएमए के दिशानिर्देशों और विभिन्न हितधारकों द्वारा किए गए अनुरोधों को देखते हुए नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2022 को स्थगित कर दिया गया है. नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी.
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2022 नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नए अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में 08 से 16 जनवरी 2022 तक आयोजित होने वाला था.
एनबीटी के चेयरमैन गोविंद प्रसाद शर्मा का कहना है कि कोविड को देखते हुए पुस्तक मेला स्थगित कर दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय को एनबीटी ने मई के पहले या दूसरे अथवा सितंबर में दूसरे या तीसरे सप्ताह में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन करने का सुझाव भेजा है. शिक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद आईटीपीओ से इस दौरान प्रगति मैदान में जगह खाली मिलने पर तिथियों की घोषणा की जाएगी.
छूट को लेकर विवाद
बता दें कि 30वें पुस्तक मेले में प्रकाशकों और आयोजक के बीच किराए में छूट के मसले पर कुछ खींचातानी चल रही थी. हिंदी व भारतीय भाषाओं के प्रकाशकों ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) को पत्र लिखकर अपनी परेशानियां भी सांझा की थी. प्रकाशकों को लग रहा था कि एनबीटी अपने खर्चों में कटौती करते हुए मेले के दौरान अधिक छूट देकर उनकी मदद करेगी. लेकिन प्रकाशकों पर एनबीटी ने उल्टा बढ़े हुए किराए का बोझ लाद दिया.
इस मुद्दे पर एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि आईटीपीओ द्वारा प्रगति मैदान की नई बिल्डिंग का किराया पहले से अधिक कर दिया गया है. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल के चलते सभी प्रकाशकों को तय जगह में से बराबर जगह मुहैया करवाई जा रही है. उसी जगह में कोरिडोर सहित अधिक स्पेस पाठकों को आने-जाने के लिए भी देना है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रह सके. इसकी वजह से किराया बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि एनबीटी बिना किसी लाभ के पुस्तक मेले का आयोजन करवाती है.