सामान्य ज्ञान
आज दुनिया के कई देश मेट्रो से यात्रा का आनंद उठा रहे हैं। इसकी शुरुआत 10 जनवरी, 1863 में लंदन में विश्व की पहली अंडरग्राउंड रेल सेवा के साथ हुई थी।
लंदन की तेज रफ्तार और भीड़ भाड़ वाली जिंदगी में मेट्रो सेवा के आने से बड़ी क्रांति आई। 10 जनवरी, 1863 को लंदन में मेट्रो सेवा को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया। मेट्रो सेवा की योजना के बाद इसे अंजाम देने के लिए 1853 में इस काम की जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर सर जॉन फॉलर को दी गई। दस साल बाद पहली बार पैडिंगटन से फैरिंगडॉन स्ट्रीट स्टेशनों के बीच यह ट्रेन चली, जो मेट्रोपोलिटन लाइन पर थी। ट्यूब के नाम से मशहूर लंदन की अडरग्राउंड रेल सेवा दर्जन भर से ज्यादा रूट और 270 स्टेशनों के बीच चलती है।
लंदन की अंडरग्राउंड रेल सेवा दुनिया की पहली मेट्रो व्यवस्था थी, कई दूसरे बड़े शहरों में मेट्रो सेवा लाने के लिए लंदन मेट्रो की व्यवस्था को आदर्श बनाया गया। शहर भर में मकड़ी के जाल की तरह फैले मेट्रो के रूट इसके आसान से मैप से भली तरह समझे जा सकते हैं। लंदन अंडरग्राउंड के अलग अलग रूटों को अलग अलग रंग देकर मैप में तब्दील करने का काम 1933 में किया गया। अब दुनिया भर की मेट्रो रेल सेवाएं इसी की नकल करते हुए अपने मैप तैयार करती हैं।
भारत के पहली मेट्री (कोलकाता) की शुरुआत 1984 में हुई जबकि दिल्ली की मेट्रो 2002 में ही शुरू हुई। आज भारत में दिल्ली और एनसीआर इलाकों में मेट्रो ट्रेन लोगों के लिए सफर करने का यह सस्ता और आसान माध्यम है।