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रायपुर, 12 जनवरी। वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में हिन्दी पूरे विश्व में प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। आज पूरी दुनिया में सौ से भी अधिक विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है जो गर्व का विषय है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। हिन्दी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बने, यह हमारा लक्ष्य हो और हम इस दिशा में कार्य करें।
उपर्युक्त बातें विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर और विश्व हिन्दी साहित्य संस्थान, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से वैश्विक स्तर पर हिन्दी विषय को लेकर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में अतिथियों एवं विद्वानों ने कहीं। मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर इस वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
आयोजन के मुख्य अतिथि मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने बताया कि यदि हम वैश्विक रूप से देखें तो संयुक्त राष्ट्र ने हिन्दी में वेबसाइट बनाई और हिन्दी में रेडियो प्रसारण की शुरुआत की। इसी तरह अमेरिका में 32 विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों तथा ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाई जाती है। जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानों ने हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन को अपनाया है। कई संगठन हिंदी का प्रचार करते हैं। चीन में 1942 में हिंदी अध्ययन शुरू हुआ। 1957 में हिंदी रचनाओं का चीनी में अनुवाद कार्य आरंभ हुआ।