सामान्य ज्ञान
अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनैतिक दल है। यह एक राष्ट्रवादी हिन्दू संगठन है। इसकी स्थापना सन 1915 में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोडक़र सन 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। भारत के स्वतंत्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोडक़र भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गए।
बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में ही हिन्दू सम्प्रदायवासियों ने मुसलमानों की देखादेखी विधायिकाओं और सरकारी नौकरियों में हिन्दू सीटों की मांग की। पंजाब हिन्दू सभा की स्थापना 1909 में हुई । हिन्दू सम्प्रदायिक विचारधारा की नींव इसके नेताओं बी. एन. मुखर्जी और लालचन्द ने रखी। उन्हें इस का क्षोभ था कि कांग्रेस सभी भारतीयों को एक राष्ट्र के रूप में संगठित करने की कोशिश कर रही है और मुसलमानों को राजी करने के लिए हिन्दू हितों की बलि दे रही है। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का पहला अधिवेशन अप्रैल 1915 में कासिम बाजार के महाराजा की अध्यक्षता में हुआ। 1918 में हिन्दू महासभा का प्रभाव नजर आया। दिसंबर 1924 को हिन्दू महासभा के बेलगांव अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित मदनमोहन मालवीय ने की । जब अंग्रेजों का साइमन कमीशन, रिफार्म ऐक्ट में सुधार के लिए भारत आया, तो हिंदू महासभा ने भी कांग्रेस के कहने पर इसका बहिष्कार किया। लाहौर में हिंदू महासभा के अध्यक्ष लाला लाजपत राय हिंदू महासभा के हजारों स्वयंसेवकों के साथ काले झंडे लेकर कमीशन के बहिष्कार के लिए एकत्र हुए। पुलिस ने बहुत ही निर्दयता से लाठी प्रहार किया, जिसमें लाला जी को भी काफी चोट आई और वह फिर बिस्तर से न उठ सके। थोड़े ही समय में लाहौर में उनका स्वर्गवास हो गया।