सामान्य ज्ञान
ऐलेजिक एसिड 46 विभिन्न फल और मेवों जैसे ब्लैक बेरी, रसबेरी, स्ट्रॉबेरी, क्रेनबेरी, अंगूर, अनार, ब्लूबेरी और अखरोट आदि में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पॉलीफिनोलिक यौगिक है।
हमारे शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं लगभग 120 दिन जीवित रहती हैं, उसके बाद पूर्व निर्धारित योजनाबद्ध तरीके से स्वत: मर जाती हैं। इस प्रक्रिया को ऐपोप्टोसिस कहते हैं। शरीर इन मरने वाली कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं बना देता है। लेकिन कैंसर कोशिकाएं मरती नहीं हैं और निरंतर विभाजित होकर बढ़ती रहती हैं। ऐलेजिक एसिड स्वस्थ कोशिकाओं को हानि पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं में रुकी हुई ऐपोप्टोसिस की क्रिया को पुन: शुरू कर देता है। जबकि कीमो और रेडियो स्वस्थ और कैंसर दोनों कोशिकाओं को नष्ट करती है। इसलिए ऐलेजिक एसिड का प्रयोग करना ही विवेकपूर्ण निर्णय है। ऐलेजिक एसिड एक बलवान एंटीऑक्सीडेंट है। यह कैंसर कोशिकाओं के विभाजन को 48 घंटे में रोक देता है। यह स्तन, अग्न्याशय, भोजन नली, त्वचा, आंत और प्रोस्टेट कैंसर में कैंसर कोशिकाओं की रुकी हुई सामान्य मृत्यु या एपोप्टोसिस को 72 घंटे में शुरू कर देता है, इस तरह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि पर नियंत्रण करता है। यह कैंसर के रक्षक पी-53 जीन को नष्ट होने से बचाता है। यह कोशिका के डी.एन.ए. को विकृत (म्यूटेशन) होने से रोकने में सक्षम है। यह ह्यूमन पेपिलोमा वायरस में एपोप्टोसिस को बढ़ता है।
ब्लूबेरी और बिलबेरी में एक शक्तिशाली फ्लेवोनॉयड ऐंथोसायनिन और क्यूरसेटिन भी काफी मात्रा में होते है जो एक बलवान एंटीऑक्सीडेंट है और विशिष्ट प्रोटीन्स से जुड़ कर कोशिका-विभाजन में सहायक काइनेज एंजाइम्स को निष्क्रिय करते हैं। इस तरह कैंसर के उपचार में बहुत उपयोगी पाए गए हैं।