राष्ट्रीय
हरिद्वार की एक अदालत ने रविवार को विवादास्पद धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद को हेट स्पीच मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
नरसिंहानंद ने गिरफ़्तारी से पहले हरिद्वार में बीबीसी से शनिवार को बातचीत की थी लेकिन उस इंटरव्यू में हेट स्पीच के बारे में सवाल पूछे जाने पर वे भड़क गए थे जिसके बाद बीबीसी की टीम के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में उनके ख़िलाफ़ एक और एफ़आईआर दर्ज की गई है.
हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में यति नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद से उनकी गिरफ़्तारी की माँग उठ रही थी.
हरिद्वार की नगर कोतवाली पुलिस ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को सर्वानंद घाट से गिरफ़्तार किया था. यति नरसिंहानंद उस वक्त वक़्त वसीम रिज़वी उर्फ़ जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर उपवास कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी उर्फ़ जितेंद्र नारायण त्यागी को इसी हेट स्पीच केस में गुरुवार को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है.
कुछ ही दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीच की घटना की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर दायर की गई पटना हाई कोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश और वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली की जनहित याचिका पर उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
भारत के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच के सामने 22 जनवरी को इस मामले की फिर से सुनवाई होनी है.
बीबीसी टीम की शिकायत पर मामला दर्ज
बीबीसी की टीम यति नरसिंहानंद की सहमति से उनसे समय तय करने के बाद हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर उनका इंटरव्यू करने पहुँची थी.
जब उनसे हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नरफ़रत भरी टिप्पणी करने (हेट स्पीच) से जुड़े केस के बारे में पूछा गया तो वो नाराज़ हो गए, बीबीसी के संवाददाता ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अपने कोट में लगा माइक उतारकर फेंक दिया और ऊँची आवाज़ में बोलने लगे जैसा कि आप वीडियो के अंतिम हिस्से में देख सकते हैं.
यति नरसिंहानंद के माइक हटाते ही वहाँ मौजूद कार्यकर्ताओं ने बीबीसी की टीम के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की शुरू कर दी, उन्होंने धमकियाँ दीं और टीम को काफ़ी देर तक जबरन रोके रखा. बीबीसी के रिपोर्टरों की तलाशी ली गई और उन्हें धमकाया गया कि वीडियो प्रसारित नहीं होना चाहिए.
इसके बाद पुलिस आई और बीबीसी की लिखित शिकायत पर यति नरसिंहानंद और उनके साथियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई. यह एफ़आईआर भारतीय दंड संहिता की चार धाराओं--341 (ग़ैर-कानूनी तरीक़े से बलपूर्वक रोकना), 352 (बिना उकसावे के हमला), 504 (अपमान, गाली-गलौज, शांति भंग) और 506 (धमकी देना) के तहत दर्ज की गई है.
कौन हैं यति नरसिंहानंद?
हरिद्वार में हुई धर्म संसद के दौरान अल्पसंख्यक मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिए गए थे. यति नरसिंहानंद पहले भी अपने बयानों और कामों के चलते विवादों में रहे हैं.
उन पर पैग़ंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ अपमानजक भाषा का इस्तेमाल करने और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का भी आरोप लग चुका है.
महंत यति नरसिंहानंद ग़ाज़ियाबाद के डासना के उसी देवी मंदिर के महंत हैं, जहां पर पिछले साल 11 मार्च को नल से पानी पीने के कारण एक मुस्लिम बच्चे आसिफ़ को बेरहमी से पीटा गया और उसका वीडियो बनाकर वायरल किया गया था.
बाद में महंत यति नरसिंहानंद ने कहा था कि उन्हें इस घटना पर कोई अफ़सोस नहीं है. (bbc.com/hindi)