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चुनावी राज्यों के घोषणा पत्र में दिख सकती है ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की झलक
19-Jan-2022 3:37 PM
चुनावी राज्यों के घोषणा पत्र में दिख सकती है ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की झलक

सीएम की सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से चर्चा  
 

नई दिल्ली, 19 जनवरी। चुनावी दौर में कांग्रेस छत्तीसगढ़ मॉडल को अपने दूसरे शासित राज्यों में भी अपना सकती है। छत्तीसगढ़ में लागू कई जनहितैषी योजनाओं को पार्टी द्वारा चुनावी राज्यों में भी घोषणा पत्र में शामिल करने की संभावना है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सस्ती दवा, गोधन न्याय योजना, किसानों को राहत देने संबंधी कई योजनाएँ शुरू की है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना हुई है। इसे देखते हुए कॉंग्रेस ने अन्य शासित राज्यों में भी इसे लागू करने का मन बना रही है।

दो दिवसीय चुनावी दौरे के बाद बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कॉंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल एवं प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होने चुनावी दौरे से संबन्धित फीडबैक से अवगत कराया, वहीं छत्तीसगढ़ की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर चर्चा की।
किसानों की जेब में पैसे डालने का राहुल गांधी द्वारा किया गया वादा भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये पूरा किया गया है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों के खाते में नगद हस्तांतरण से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली है। किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं। जैविक खेती से लागत हुई आधी, उत्पादन भी दो से तीन गुना तक बढऩे लगा है।
वहीं, आम लोगों को लगातार बढ़ती महंगाई के दौर में सस्ती दवाओं के माध्यम से राहत देने की योजना भूपेश सरकार ने लागू की है। छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं के लिए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की। इस मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवाएं 50 से 70 फीसदी सस्ते दामों पर मिल रही है।
पार्टी का मानना है कि कोविड महामारी के बाद अब आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है और इस मोर्चे पर जो सरकार या राजनीतिक दल बेहतर पहल करेगी उसे अधिक सियासी लाभ हो सकता है। साल 2020-21 में राज्य गठन के बाद सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की धान खरीदी का कीर्तिमान बना है। सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ को कृषि कर्मण पुरस्कार भी मिल चुका है। वहीं, छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति से राज्य में नया औद्योगिक और आर्थिक वातावरण बना है। तीन सालों में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। औद्योगिक क्षेत्र में 18 हजार 882 करोड़ रूपये की पूंजी निवेश से राज्य की तस्वीर बदली है।

बिजली बिल में रियायत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी हाफ बिजली बिल योजना से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है। 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ 40 लाख उपभोक्ताओं को पहुंचा है। इन योजनाओं के जरिये काँग्रेस अन्य राज्यों में भी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी।
 

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