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कोरोना की आशंका के चलते हांग कांग में मारे जाएंगे सैकड़ों पालतू जीव
19-Jan-2022 5:16 PM
कोरोना की आशंका के चलते हांग कांग में मारे जाएंगे सैकड़ों पालतू जीव

अभी केवल एक पेट स्टोर के 11 हैमस्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. मगर प्रशासन ने यहां के दो दर्जन से भी अधिक दुकानों से खरीदे गए सैकड़ों हैमस्टरों और छोटे स्तनपायी जीवों को मारने का फैसला किया है.

  (dw.com)

हांग कांग प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते करीब दो हजार हैमस्टरों को मारने की बात कही है. यह फैसला पालतू जानवर बेचने वाली एक दुकान में 11 हैमस्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लिया गया. इसके बाद प्रशासन ने लोगों से कहा कि वे अपने हैमस्टर दे दें, ताकि उन्हें मारकर संक्रमण फैलने के खतरे को रोका जा सके. 18 जनवरी को हुए प्रशासन के इस ऐलान के चलते जानवरों के लिए काम करने वाली संस्थाएं डरी हुई हैं. उन्हें आशंका है कि कहीं लोग डरकर अपने पालतू जानवरों को छोड़ न दें.

क्यों लिया गया ये फैसला?

17 जनवरी को पालतू जानवर बेचने वाली एक स्थानीय दुकान 'लिटिल बॉस पेट स्टोर' का एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इस दुकान पर आने वाला एक ग्राहक भी पॉजिटिव मिला. दोनों को डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण हुआ था. इसके बाद प्रशासन ने दुकान के जानवरों की जांच की, जिसमें 11 हैमस्टर संक्रमित पाए गए. हांगकांग प्रशासन महामारी की शुरुआत से ही कोरोना मामलों को शून्य रखने की रणनीति अपना रहा है.

मौजूदा प्रकरण के बाद आशंका उभरी कि कहीं यह जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का मामला तो नहीं है. इसीलिए प्रशासन ने लोगों से कहा है कि जिन्होंने भी 22 दिसंबर से लेकर अब तक इस दुकान से हैमस्टर खरीदा है, वे उन्हें प्रशासन के सुपुर्द कर दें. ताकि उन्हें मारा जा सके. हालांकि केवल लिटिल बॉस पेट स्टोर के ही हैमस्टर कोरोना संक्रमित मिले हैं. लेकिन प्रशासन ने शहर के 34 पेट स्टोरों से खरीदे गए करीब दो हजार हैमस्टरों और अन्य छोटे स्तनपायी जानवरों को मारने का फैसला किया है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों और हांग कांग के वेटनरी विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानों में कोरोना संक्रमण के पीछे जानवरों की कोई बड़ी भूमिका हो, इस बात के फिलहाल कोई साक्ष्य नहीं हैं. वनेसा बार्स हांग कांग में यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं के आधार पर हैमस्टरों को मारने का फैसला उचित ठहराया जा सकता है, लेकिन इसके चलते पालतू जानवरों से संक्रमण होने की आशंका को काफी तूल दे दिया गया है. वनैसा ने आगे कहा, "दुनियाभर में लाखों लोगों के पास पालतू जानवर हैं. आज तक पालतू जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का एक भी मामला साबित नहीं हुआ है."

पशु कल्याण संस्थाएं क्या कह रही हैं?
हांग कांग में जानवरों के कल्याण से जुड़ी संस्था 'दी लोकल सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स' (एसपीसीए) ने बताया कि पालतू जानवर रखने वाले कई लोग घबराकर संपर्क कर रहे हैं. एसपीसीए ने बयान जारी कर कहा, "हम पालतू जानवर रखने वालों से अपील करते हैं कि वे घबराएं नहीं और ना ही अपने जानवरों को छोड़ें."

एसपीसीए ने कुछ तरीके भी बताए, जिनका पालन करके इंसानों और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. इसमें जानवरों को न चूमना, उनके नजदीक ना छींकना, उन्हें छूने के बाद हाथ धोना जैसी सावधानियां शामिल हैं.

ऑनलाइन याचिकाएं
इस बीच हांग कांग में कई लोग प्रशासन से अपना फैसला बदलने की भी अपील कर रहे हैं. इससे जुड़ी कई ऑनलाइन याचिकाएं भी शेयर की जा रही हैं. मगर प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए स्वास्थ्य सचिव सोफिया चान ने 18 जनवरी को कहा कि वह संक्रमण फैलने की आशंकाओं को खारिज नहीं कर सकती हैं. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मी शहर के अलग-अलग पेट स्टोरों से लाल रंग का प्लास्टिक बैग लेकर बाहर आते दिखे.

पकड़े गए जानवरों को इन्हीं बैगों में रखा गया था. इसके अलावा दर्जनों पेट स्टोरों को बंद किए जाने का भी आदेश जारी किया गया है. हालिया दिनों में इन दुकानों में जा चुके करीब 150 लोगों को क्वारंटीन में भेज दिया गया है. छोटे स्तनपायी जानवरों के आयात और बिक्री पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रशासन ने एक हॉटलाइन नंबर भी जारी किया है, जिसपर संपर्क करके लोग इस मामले के बारे में पूछताछ कर सकते हैं.

इसके पहले 2020 में डेनमार्क ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते लाखों मिंकों को मार दिया था. बाद में सरकार ने माना कि मिंकों को मारने का कोई कानूनी आधार नहीं था. विशेषज्ञों के मुताबिक, अब तक मौजूद जानकारी कहती है कि जानवरों से इंसानों में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बेहद कम है.

एसएम/एनआर (रॉयटर्स)
 

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