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बुलंदशहर. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद राहुल यादव एक बार फिर बुलंदशहर की सिकंदराबाद विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राहुल यादव सपा-आरएलडी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी के प्रत्याशी लक्ष्मीराज से माना जा रहा है. ऐसा नहीं है कि राहुल का ये पहला विधानसभा चुनाव है, बल्कि राहुल 2017 में भी सिकंदराबाद से सपा के प्रत्याशी रहे थे और उस दौरान राहुल को बीजेपी की प्रत्याशी विमला सोलंकी के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा था.
2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल यादव सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले प्रत्याशियों में तीसरे नंबर के प्रत्याशी रहे थे. 2017 में बीजेपी की विधायक रहीं विमला सोलंकी ने जहां 1 लाख 4 हज़ार 956 वोट हांसिल करके जीत हांसिल की थी, तो वहीं राहुल यादव को यहां सिर्फ 48 हज़ार 910 ही वोट मिले थे. यानी राहुल बसपा के प्रत्याशी रहे इमरान अंसारी से भी कम वोट हासिल कर सके थे. बसपा प्रत्याशी इमरान अंसारी 2017 में सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले दूसरे नंबर के प्रत्याशी बनकर सामने आए थे. हाजी इमरान ने यहां से 76333 वोट प्राप्त किए थे.
लालू यादव और पिता की वजह से मिला टिकट!
इस बार सिकंदराबाद से चुनावी मैदान में बीजेपी और बसपा अपने-अपने सियासी पहलवान बदल चुके हैं. मगर सपा-आरएलडी गठबंधन ने राहुल पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. यूं तो यूपी में सियासी बिसात बिछने के बाद समाजवादी पार्टी के कई धुरंधरों ने सिकंदराबाद से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोकी थी. मगर राहुल यहां एक बार फिर सपा के प्रत्याशी के रूप में सामने आए हैं. हालांकि सियासी गलियारों में हर रोज़ हार-जीत की बिसात बिछाने वाले राजनैतिक पंडित और सियासी शतरंज के हर मोहरे पर अपनी पैनी नज़र रखने वाले खिलाड़ी मानते हैं कि राहुल के ससुर लालू यादव और पिता जितेंद्र यादव के कारण ही उन्हें एक बार फिर सपा से टिकट मिला है.
कौन हैं राहुल यादव?
राहुल यादव के पिता जितेंद्र यादव 2012 में सिकंदराबाद से ही कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं. मौजूदा समय में जितेंद्र यादव सपा के एमएलसी भी हैं, जबकि राहुल की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की चौथे नंबर की बेटी रागिनी यादव के साथ हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि लालू या उनके बेटे तेजस्वी राहुल के लिए चुनाव प्रचार के लिए सिकंदराबाद भी आ सकते हैं.
योगी सरकार को बताया पापी
राहुल यादव ने बुधवार को अपना पर्चा दाखिल किया है. नामांकन स्थल से बाहर आकर पत्रकारों से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि कड़ाके की ठंड में जो बर्फ जमी है, उसे युवाओं का परिश्रम ही पिघला सकता है. मुस्लिम बाहुल्य सीट का सवाल पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि मुस्लिम-हिन्दू बाहुल्य कुछ नहीं होता सब हिंदुस्तान बाहुल्य है. नेता जी मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधु अर्पणा यादव द्वारा सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने के सवाल पर राहुल ने घटनाक्रम की जानकारी न होने की बात कहकर सवाल से पल्ला झाड़ लिया. राहुल यादव ने कहा कि इस बार का चुनाव प्रदेश की पापी सरकार को हटाने के लिए होगा. युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई, किसानों का मुद्दा सबसे अहम होगा.