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अमेरिका में 5 जी तकनीक: एयर इंडिया समेत कई एयरलाइन्स चिंतित, उड़ानें रद्द
20-Jan-2022 10:18 AM
अमेरिका में 5 जी तकनीक: एयर इंडिया समेत कई एयरलाइन्स चिंतित, उड़ानें रद्द

अमेरिका में नई 5 जी सर्विस विमान यात्रियों और विमान कंपनियों को ख़ासी भारी पड़ रही है. भारत समेत दुनिया के कई देशों से अमेरिका आने-जाने वाले हज़ारों यात्रियों और कई उड़ानों पर इसका असर पड़ा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एयर इंडिया समेत कई इंटरनेशनल एयरलाइन्स कंपनियों ने बुधवार को अमेरिका से जुड़ी उड़ानें रद्द कर दी हैं.

विमान कंपनियों ने ये फ़ैसला लेते हुए चेतावनी दी है कि '5 जी फ़ोन सेवा के सिग्नल्स विमान के नैविगेशन सिस्टम में दखलअंदाज़ी' कर सकते हैं. अमेरिका के कई एयरपोर्ट पर ये सेवा बुधवार से शुरू हो रही है.

एयर इंडिया ने ट्विटर पर जानकारी दी कि अमेरिका में 5जी सेवा लागू होने के वजह से वो 19 जनवरी 2022 (बुधवार) को किन उड़ानों को रद्द कर रहे हैं.

जयंत राज दिक्कतों का सामना करने वाले यात्रियों में से एक हैं जिन्हें बुधवार को नई दिल्ली आने के लिए न्यूयॉर्क से एयर इंडिया के विमान में सवार होना था लेकिन अब ये उड़ान रद्द हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मंगलवार को किए गए ट्वीट से हुई.

एयर इंडिया के अलावा कई दूसरी एयरलाइन्स ने भी 5 जी सेवा लागू होने की वजह से उड़ान रद्द करने की जानकारी दी.

एमिरेट्स ने जानकारी दी है कि अमेरिका के कुछ एयरपोर्ट पर 5 जी मोबाइल नेटवर्क सेवा लागू होने से जुड़ी 'चिंता' को लेकर 19 जनवरी से अगले आदेश तक बोस्टन, शिकागो, डलास, मियामी ओरलैंडो, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल के लिए उड़ान स्थगित की जा रही है.

अमेरिका की 10 सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनियों ने 5जी मोबाइल फ़ोन सेवाओं को शुरू करने को लेकर चेतावनी दी है. उनका कहना है कि इससे विमान की उड़ान में 'बड़ी बाधाएं' पैदा हो सकती हैं.

वेरिज़ोन और एटीएंडटी की 5जी मोबाइल फ़ोन सेवाएं बुधवार से शुरू हो रही हैं. इस बीच इन कंपनियों ने कहा है कि वो कुछ हवाई अड्डों के कुछ टावरों पर सेवाएं देर से लागू करने पर सहमत हुए हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है.

एयरलाइंस कंपनियों को डर है कि 5जी सिग्नल्स का सी-बैंड विमान के नेविगेशन सिस्टम में बाधाएं पैदा कर सकता है. ख़ासकर ख़राब मौसम के दौरान.

अमेरिकी विमानन प्राधिकरण को विमान कंपनियां पहले ही इस बारे में पत्र लिखकर चेतावनी दे चुकी है.

अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. उनका कहना है, "हवाई यात्रियों, माल परिवहन और मेडिकल सप्लाई की चेन और डिलिवरी में किसी तरह की बाधा को रोकने के लिए इसमें तुरंत दख़ल देने की ज़रूरत है." मेडिकल सप्लाई में वैक्सीन भी शामिल है.

बीबीसी ने उस पत्र को देखा है जिसमें एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी चिंताओं के बारे में बताया है.

इस पत्र को परिवहन मंत्री पीट बटेगेग के अलावा फ़ेडरेल एविएशन एमिनिस्ट्रेशन के प्रमुख, फ़ेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन के चेयरमैन और नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक को भेजा गया है.

बीबीसी को पता चला है कि अमेरिकी सरकार में उच्चतम स्तर पर इसको लेकर बातचीत जारी है और इसको बेहद 'गंभीर स्थिति' बताया जा रहा है.

क्या चाहती हैं एयरलाइंस कंपनियां?
अमेरिका में एयरलाइंस कंपनियों का कहना है कि '19 जनवरी 2022 को एविगेशन रेगुलेटर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए) ने जिन एयरपोर्ट को प्रभावित बताया था, उसकी हवाई पट्टी से तक़रीबन दो मील की दूरी तक' 5जी सिग्नल्स को बाहर रखा जाए."

उन्होंने कहा है, "अगर ऐसा नहीं होता है तो 5जी विमानन उद्योग पर बहुत खराब असर डालेगा, जिससे यात्रियों, सप्लाई चेन, वैक्सीन वितरण और अर्थव्यवस्था पर असर होगा."

विमान बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों एयरबस और बोइंग ने भी हाल में इस चिंता को उठाया था.

एयरलाइन्स कंपनियों ने कहा, "विमान बनाने वाली कंपनियों ने हमें जानकारी दी कि विमानों के बेड़े में से कई को लंबे वक्त ज़मीन पर ही रखना होगा. "

डेल्टा एयरलाइन ने बताया है कि वो दूसरी एयरलाइन्स के साथ मिलकर अमेरिकी सरकार से मांग कर रही कि सुरक्षा तय होने तक नई सेवा को लागू नहीं किया जाए.

डेल्टा के मुताबिक, "रेडियो एल्टिमीटर एक अहम तकनीक है जो विमान की कई गतिविधियों की जानकारी देती है और पायलट को सुरक्षित तरीके से विमान उड़ाने के लिए जिन जानकारी की ज़रूरत होती है, वो मुहैया कराती है, ख़ासकर उड़ान के अहम दौर में. "

डेल्टा के सीईओ एड बैस्तियान समेत कई एयरलाइन्स के सीईओ ने अमेरिकी सरकार के अधिकारियों को पत्र लिखा है और कहा है कि इससे 'देश का कारोबार थम जाएगा.'

यूएस एविगेशन रेगुलेटर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए) ने बीते हफ़्ते कहा, "विमान के रेडियो एल्टिमीटर में 5 जी का दखल लैंडिंग के दौरान इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम में अवरोध पैदा कर सकता है जिससे रनवे पर विमान को रोकने में बाधा आ सकती है."

एफएए ने रविवार को बताया कि उसने "दो रेडियो एल्टिमीटर वाले मॉडल को मंजूरी दे दी है जो बोइंग और एयरबस के कई विमानों में हैं."

"इसके बाद भी कुछ एयरपोर्ट पर उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं."

मोबाइल कंपनियों ने 5जी तकनीक लागू करने के लिए अपने नेटवर्क को अपग्रेड किया है और इसमें अरबों डॉलर की रकम खर्च हुई है. इस तकनीक के जरिए इंटरनेट की रफ़्तार तेज़ होगी और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी.

अमेरिका में वायरलैस इंडस्ट्री के समूह सीटीआईए कह चुका है कि 5जी तकनीक सुरक्षित है. समूह ने विमान उद्योग पर तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने और डर फैलाने के आरोप भी लगाए.

इस बीच संचार कंपनी एटी एंड टी और वेरिज़ोन ने बताया कि वो कुछ एयरपोर्ट के कुछ टावरों पर 5 जी को देरी से लागू करेंगे. उड़ाने रद्द होने से बड़ी संख्या में यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अमेरिकी मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक एटी एंड टी और वेरिज़ोन कुछ जगह 5 जी लागू करने में देरी के लिए तैयार हो गए हैं.

पीटीआई ने एटीएंडटी के प्रवक्ता के हवाले से बताया है, "जो 40 देश कर चुके हैं, वो एफ़एए के नहीं कर पाने पर हम निराश हैं. इन देशों ने 5 जी तकनीक को विमान सेवा में बाधा डाले बिना लागू कर दिया है. हम अनुरोध करते हैं कि वो समयबद्ध तरीके से ऐसा कर दें. "

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने 5 जी लागू करने को टालने के फैसले का स्वागत किया है.

बाइडन प्रशासन का कहना है, "इस समझौते के जरिए यात्रियों की आवाजाही और कार्गो विमानों के संचालन में होने वाला गतिरोध दूर होगा. इससे अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने का काम भी जारी रहेगा. " (bbc.com)

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