सामान्य ज्ञान
यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड -यूसील की स्थापना 4 अक्टूबर ,1967 को हुआ । यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ,परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यूसील का भावी दृष्टिकोण भारत के भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना तथा नाभिकीय ऊर्जा की असिमित संभावना को मूर्त रूप देने के लिए कार्य करना है । यूसील का स्थान नाभिकी ऊर्जा चक्र में अग्रणी है । दाबित भारी पानी रिएक्टरों के लिए यूरेनियम की आवश्यकता को पूरा करने में भारत के नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम में यूसील बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इसने अपनी खानों तथा संसाधित संयंत्रों के लिए नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाया है । कम्पनी का खनन प्रचालन बागजाता ,जादुगोड़ा ,भाटिन ,नरवापहाड़ ,तुरामडीह भूमिगत खान तथा बंडुहुरांग ओपेनकास्ट खान में चल रहा है तथा इसकी आने वाली खनन परियोजनाओं में झारखंड के सराइकेला खरसावां जिले में महुलडीह तथा आंध्रप्रदेश में तुम्मलापल्ली खनन परियोजना एवं कर्नाटक में गोगी खनन परियोजना है। जादुगोड़ा एवं तुरामडीह में इसका दो संसाधन संयंत्र है। मेघालय में केपीएम ओपेनकास्ट खनन एवं मिलिंग परियोजना खुलने के संकेत है ।
यूसील ने आंध्र प्रदेश के कनमपल्ली में देश की सबसे बड़ी खदान तथा अयस्क शोधन संयंत्र परियोजना की शुरुआत करने की योजना बनाई। देश के सबसे बड़े यूरेनियम अयस्क भंडार के निकट कड़प्पा जिले में स्थित कनमपल्ली में वर्ष 2012-2017 की चालू पंचवर्षीय योजना के दौरान 6 हजार टन प्रतिदिन उत्पादन और शोधन क्षमता के विशाल खदान एवं शोधन संयंत्र को प्रारंभ किया जाना है। इससे पूर्व तुमलापल्ली में वर्ष 2012 में 3000 टन उत्पादन क्षमता की एक खदान की शुरुआत की गई थी।
वर्तमान में यूसील झारखंड के जादूगोड़ा (ढाई हजार टन) और तुरामडीह (3 हजार टन) और आंध्र के तुमलापल्ली (कुल 30 हजार में से वर्तमान में केवल 1500 टन) स्थित सभी तीन शोधन संयंत्रों से प्रतिदिन कुल 7 हजार टन अयस्क उत्पादन कर रहा है।