अंतरराष्ट्रीय
चीन में 44 साल के यु की आपबीती माइग्रेंट कामगारों के संघर्ष को दिखाती है. बेहतर मौकों के लिए लोगों के पास बडे़ शहरों में आने के अलाव कोई रास्ता नहीं. लोग आर्थिक असमानता और संसाधनों के असमान वितरण पर भी सवाल उठा रहे हैं.
चीन की सोशल मीडिया पर इन दिनों अपने गुमशुदा बेटे की तलाश में जुटे एक मजदूर की आपबीती की बहुत चर्चा हो रही है. इस प्रकरण के चलते चीन में बढ़ रही आर्थिक असमानता और छोटे कस्बों और गांवों से शहर आने वाले कामगारों की जिंदगी पर बहस छिड़ी है.
क्या है मामला?
यह आपबीती है, 44 साल के यु की. वह मध्य चीन के हेनान प्रांत के रहने वाले मछुआरे हैं. पिछले साल वह राजधानी बीजिंग आए. यहां आने का मकसद था, अपने गुमशुदा बेटे यु युतोंग की तलाश करना. युतोंग चीन के उन 28 करोड़ प्रवासी कामगारों में से एक है, जो बेहतर मौकों की तलाश में बड़े शहर आ जाते हैं.
युतोंग भी काम की तलाश में घर छोड़कर बड़े शहर चला गए थे. वह रसोइये का काम करते थे. अगस्त 2020 से परिवार को युतोंग की कोई खबर नहीं है. अपने बेटे को खोजने के लिए यु ने कई शहरों और प्रांतों का चक्कर लगाया. इसी क्रम में वह राजधानी बीजिंग भी आए. यहां बेटे को खोजने के साथ-साथ गुजारा चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करते रहे. कभी कचरा उठाया, तो कभी निर्माण स्थल पर सामान ढोया. यु पर छह लोगों का परिवार चलाने की जिम्मेदारी है. इनमें उनके लकवाग्रस्त पिता भी शामिल हैं.
यु की कहानी कैसे आई सामने?
चीन में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मद्देनजर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. नए साल की छुट्टियों और विंटर ओलिंपिक के चलते कोरोना पर हाई अलर्ट है. इसी क्रम में 19 जनवरी को बीजिंग के अधिकारियों ने एक कोरोना केस की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 44 साल के एक आदमी को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. यह कोरोना संक्रमित व्यक्ति यु ही थे.
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करते हुए यु की हालिया गतिविधियां ट्रेस की गईं. ट्रेसिंग के दौरान पता चला कि वह शहर के अलग-अलग हिस्सों में खूब आते-जाते थे. कभी देर रात, कभी तड़के. तब पता चला कि यु अपने लापता बेटे को खोजते हुए इतना भटकते थे और इसी दौरान उन्हें कोरोना हुआ. ये जाने के बाद लोग भावुक हो गए.
लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग यु के बारे में लिख रहे हैं. कई लोगों ने यु को 'काम की तलाश में जगह-जगह जाते लोगों के बीच सबसे मेहनती आदमी' बताया है. चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'वाइबू' पर यु से जुड़े हैशटैग को छह करोड़ से ज्यादा व्यू मिले. इसी संदर्भ में आर्थिक असमानता और माइग्रेंट आबादी की मुश्किलों को लेकर भी चर्चा होने लगी.
एक यूजर ने लिखा, "मुझे नहीं पता कि समान संपन्नता केवल खोखले शब्द हैं या नहीं, मगर हर मजदूर इज्जत से जिंदगी बसर कर सके, यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है." 2021 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने समान संपन्नता का यह शब्द इस्तेमाल किया था. उन्होंने चीन में मौजूद आर्थिक असमानता का जिक्र करते हुए लोगों के लिए समान संपन्नता हासिल करने का लक्ष्य रखा था.
यु अब कहां हैं?
फिलहाल बीजिंग के एक अस्पताल में यु का इलाज हो रहा है. उन्होंने चाइना न्यूज वीकली को बताया, "मुझे नहीं लगता कि मुझपर तरस खाया जाना चाहिए. मैं बस अच्छे से अपना काम करना चाहता हूं. चुराना या लूटना नहीं चाहता हूं. मैं अपनी ताकत पर, अपने इन दो हाथों पर भरोसा करना चाहता हूं, ताकि मैं कुछ पैसे कमा सकूं और अपने बेटे को खोज सकूं."
बीजिंग न्यूज को दिए इंटरव्यू में यु ने बताया कि उनका बेटा इस साल 21 का हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 में लापता होने से पहले उनके बेटे को आखिरी बार शानदोंग प्रांत के रोंगचेंग बस अड्डे पर देखा गया था. हालांकि यह इंटरव्यू बाद में डिलीट कर दिया गया. रोंगचेंग पुलिस ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि वह मामले की जांच कर रहे हैं.
एसएम/एनआर (रॉयटर्स)