अंतरराष्ट्रीय
"इस्लामिक स्टेट" के लड़ाकों ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए सीरिया की अल-हसाका जेल पर हमला किया है. एक मानवाधिकार संगठन के मुताबिक आईएसआईएस के हमले के बाद कुछ कैदी भागने में सफल रहे.
सीरिया में कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) ने एक बयान में कहा कि स्वघोषित इस्लामिक आतंकवादी "इस्लामिक स्टेट" के लड़ाकों ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए जेल पर हमला किया. जेल चलाने वाले कुर्द बलों का कहना है कि भागने की कोशिश नाकाम कर दी गई.
एसडीएफ के मुताबिक उसने हमले को नाकाम कर दिया. जबकि यूके स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि "कई कैदी भागने में सफल रहे." एसडीएफ ने अपने बयान में किसी भी कैदी के भागने का जिक्र नहीं किया.
अमेरिका समर्थित एसडीएफ का कहना है कि आईएसआईएस से जुड़े "स्लीपर सेल के सदस्य... आसपास के क्षेत्र में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और उनके आंतरिक सुरक्षा बलों से भिड़ गए हैं." एसडीएफ ने यह भी कहा कि जेल से भागने की कोशिश को नाकाम कर दिया गया.
यह घटना घवेरन जेल के प्रवेश द्वार पर एक कार बम विस्फोट के साथ हुई, जो उत्तर-पूर्वी सीरिया में कुर्द अधिकारियों द्वारा नियंत्रित अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र में आईएस लड़ाकों को रखने वाली सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक है. कुछ अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक एसडीएफ नियंत्रित जेलों से भागने के प्रयासों की एक नई लहर हमलों से पहले जेल के अंदर एक विद्रोह के साथ शुरू हुई, जिसमें कुछ कैदी मारे गए.
कुर्द नियंत्रित जेलों में आईएसआईएस कैदी
इन जेलों के प्रभारी कुर्द अधिकारियों के मुताबिक 50 से अधिक देशों के लोगों को विभिन्न जेलों में रखा गया है. इन जेलों में इस्लामिक स्टेट के 12,000 से अधिक संदिग्ध बंद हैं. बंदी फ्रांस से लेकर ट्यूनीशिया तक के देशों से हैं, लेकिन उन देशों के अधिकारी सार्वजनिक प्रतिक्रिया के डर से उन्हें वापस लेने से हिचक रहे हैं. कुछ बंदियों के रिश्तेदारों का यह भी आरोप है कि इन जेलों में किशोर और कई अन्य हैं जिन्हें या तो बहुत मामूली आरोप में या एसडीएफ बलों की भर्ती नीति की अवहेलना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
एक समय था जब आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने सीरिया और इराक के बड़े क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन फिर अमेरिका और अन्य देशों द्वारा समर्थित दोनों देशों के कुर्द बलों के साथ एक लंबे युद्ध के बाद इसका अधिकांश क्षेत्र आईएस से आजाद हुआ. लड़ाई के परिणामस्वरूप इस्लामिक स्टेट नेटवर्क से जुड़े बाकी लड़ाकों को उनके रेगिस्तानी गढ़ों में वापस धकेल दिया गया. हालांकि अब वे सीरियाई सरकार और गठबंधन सेना को परेशान करने के लिए वहां से हमले करना जारी रखते हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)