सामान्य ज्ञान
माली, आधिकारिक तौर पर माली गणराज्य पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलाक देश है। अफ्रीका का सातवां सबसे बड़े देश माली की सीमा उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर, दक्षिण में बुर्किना फ़ासो और कोड द आइवोर, दक्षिण-पश्चिम में गिनी और पश्चिम में सेनेगल और मारितुआना से मिलती है। 12 लाख 40 हजार वर्ग किमी से कुछ बड़े इस देश की राजधानी बमाको है।
आठ क्षेत्रों में बंटे माली की उत्तरी सीमा सहारा के मध्य तक जाती है, वहीं देश की दक्षिणी क्षेत्र, जहां अधिकांश आबादी निवास करती है, की विशेषता नाइजर और सेनेगल नदी है। देश की अर्थव्यवस्था खेती और मत्स्य पालन पर निर्भर है। माली के कुछ प्राकृतिक संसाधनों में सोना, यूरेनियम और नमक शामिल है। माली दुनिया के सबसे निर्धनतम देशों में शुमार किया जाता है।
आज का माली कभी ट्रांस-सहारा व्यापार पर नियंत्रण रखने वाले तीन साम्राज्यों, घाना साम्राज्य, माली साम्राज्य (जिससे माली नाम लिया गया है) और सोनघाई साम्राज्य का एक हिस्सा था। 1800 के अंत में यह फ्रांसीसी नियंत्रण में आ गया और फ्रांसीसी सूडान का एक हिस्सा बन गया। 1959 में माली से सेनेगल से माली संघ के नाम से स्वतंत्र हो गया। एक साल बाद माली संघ स्वतंत्र राष्ट्र माली बन गया। एक दलीय शासन के लंबे दौर के बाद 1991 में हुए तख्तापलट के बाद गणतंत्र और बहु-दलीय राज्य के रूप में नए संविधान और सत्ता का गठन किया गया। देश की करीबन आधी आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा, 1.25 अमेरिकी डालर से प्रतिदिन कम आमदनी, पर गुजर-बसर करती है।
कुछ वर्ष पहले तक द रिपब्लिक ऑफ माली को पश्चिमी अप्रसीकी देशों के लिए लोकतंत्र का आदर्श देश माना जाता था परंतु आज चरमपंथी गुटों के हमले के बाद सैन्य तख्तापलट के बाद देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और कहा जा रहा है कि माली दूसरा अफगानिस्तान बनने के कगार पर पहुंच चुका है। चरमपंथी माली के राजनीतिक स्थिरता के लिए खतरा बने हुए है यद्यपि सेना और संसद के बीच हालिया समझौता के बाद दक्षिणी माली में लाकतांत्रिक सरकार की वापसी जरूर हुई है फिर भी पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना हुआ है।
माली का भूगोल और इतिहास दोनों ही वहां के राजनीतिक अस्थिरता का कारण रहा है। माली की सीमा बुर्किना फासो, नाइजीरिया, नाइजर, मॉरीटेनिया, अल्जीरिया और गिनी जैसे अप्रसीकी देशों के सीमाओं को स्पर्श करती है। नाइजीरिया अप्रसीका का सबसे घनी आबादी वाला देश है जहां राजनीतिक अस्थिरता का इतिहास रहा है। नाइजर डेल्टा क्षेत्र जहां तेल का बहुत बड़ा भंडार है और यह इस देश के समस्या का कारण भी है क्योंकि इस क्षेत्र पर विभिन्न चरमपंथी संगठनों द्वारा वर्चस्व के लिए आए दिन सरकार से झड़प होती रही है तो दूसरी ओर जनजातीय, मुस्लिम आबादी व ईसाईयों और सरकार के बीच अक्सर खूनी झड़प होते रहे है। तालिबानों के तर्ज पर नाइजीरिया की मुख्य आतंकवादी संगठन बोकोहराम है जो देश में राजनीतिक स्थिरता का दुश्मन रहा है। गिनी बिसुआ, रवांडा, सोमालिया, केन्या, आइवरी कोस्ट आदि अप्रसीकी देशों में गृह युद्ध का इतिहास रहा है।