अंतरराष्ट्रीय
इसराइल के राष्ट्रपति आइज़क हर्ज़ोग फरवरी में तुर्की की आधिकारिक यात्रा पर जाएँगे. ये जानकारी ख़ुद तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने दी है.
तुर्की के एनटीवी चैनल के साथ एक इंटरव्यू में अर्दोआन ने कहा कि इस यात्रा से तुर्की और इसराइल के बीच रिश्तों का नया अध्याय खुल सकता है. अर्दोआन ने ये भी कहा कि वे प्राकृतिक गैस सहित सभी क्षेत्रों में इसराइल की दिशा में क़दम उठाने के लिए तैयार हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन फ़लस्तीनियों के अधिकारों की खुल कर वकालत करते रहे हैं. लेकिन हाल के दिनों में इसराइल को लेकर उन्होंने कई सकारात्मक बयान दिए हैं. उन्होंने इसराइल के कई नेताओं से बातचीत भी की है.
पिछले साल तुर्की ने जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किए गए एक इसराइली दंपती को रिहा कर दिया गया था. उस दौरान अर्दोआन और इसराइली पीएम नफ़्टाली बेनेट के बीच बातचीत भी हुई थी. दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच 2013 के बाद से ये पहली बातचीत थी.
दोनों देशों के बीच रिश्ते तो बहुत पहले से ही उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. लेकिन 2010 के बाद चीज़ें और ख़राब हुईं. 2010 के मई महीने में मावी मारमारा पोत फ़लस्तीनी समर्थकों के लिए सामान लेकर जा रहा था.
इसी दौरान इसराइली कमांडो ने पोत पर रेड कर दी. यह पोत ग़ज़ा के लिए जा रहा था और इसराइली कमांडो ने अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हमला बोला था. इस हमले में तुर्की के 10 लोगों की जान गई थी. तब से ही तुर्की और इसराइल के रिश्तों में ऐसी दरार आई, जो सालों तक नहीं भरी.
लेकिन अर्दोआन के बारे में कहा जा रहा है कि वह अपने राजनीतिक करियर के सबसे मुश्किल दौर में हैं. देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है, राष्ट्रीय मुद्रा लीरा भी ऐतिहासिक रूप से कमज़ोर हुई है, विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति बहुत ठीक नहीं है और अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने उन्हें अलग-थलग कर रखा है. ऐसे में अर्दोआन पुरानी दुश्मनी भुलाकर इसराइल, सऊदी और यूएई से दोस्ती करने में लगे हैं. (bbc.com)