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रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने तोड़े मकान, दुकानें
12-Apr-2022 12:16 PM
रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने तोड़े मकान, दुकानें

मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने कई मकान और दुकानों को बुलडोजर और जेसीबी से तुड़वा दिया. राज्य के गृह मंत्री ने चेतावनी दी थी कि "जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को ही पत्थरों का ढेर बनाएंगे."

   डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-

दंगों के एक दिन बाद 12 अप्रैल को खरगोन प्रशासन ने कर्फ्यू के बीच एक अभियान के तहत कम से कम 45 मकानों और दुकानों को बुलडोजर और जेसीबी से ढहा दिया. इनमें 16 मकान और 29 दुकानें शामिल हैं.

प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि यह सारी संपत्ति अवैध निर्माण थी इसलिए ढहाई गई, लेकिन कई पत्रकारों और विपक्ष के नेताओं ने दावा किया है कि ऐसा सिर्फ एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के लिए किया गया.

मंत्री की चेतावनी
खुद राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बयान में कहा, "जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को ही पत्थरों का ढेर बनाएंगे." हिंसा के आरोप में अभी तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ये सारे मकान और दुकानें उन्हीं लोगों के हैं.

प्रशासन ने कहा है कि संपत्ति ढहाने का अभियान अभी चलता रहेगा और इसके लिए कुल 50 स्थानों को चिन्हित किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा, "क्या भारत के किसी कानून या नियम में इस बुलडोजर संस्कृति का प्रावधान है?"

इस बीच मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि अभी तक रामनवमी के दौरान हिंसाग्रस्त रहे सभी राज्यों में कुल मिलाकर 130 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात में गिरफ्तार किए गए 39 लोग और मुंबई में गिरफ्तार किए गए सात लोग शामिल हैं.

अमेरिका में चिंता
रामनवमी के एक दिन बाद 11 अप्रैल को ओडिशा के जोड़ा शहर से भी 'शोभा यात्रा' निकाले जाने के दौरान हिंसा की खबरें आईं. शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है.

उधर, अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने 11 अप्रैल को एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत में "मानवाधिकारों का शोषण" हो रहा है और अमेरिका स्थिति पर नजर बनाए हुए है.

ब्लिंकेन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कहा, "हम हाल ही में भारत में हुई कुछ घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं...इनमें कुछ सरकारी अधिकारियों, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के शोषण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी शामिल है."

उन्होंने और विस्तार से कुछ नहीं कहा. सिंह और जयशंकर ने भी मानवाधिकारों के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. दोनों मंत्री भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता में भाग लेने के लिए इस समय वॉशिंगटन में हैं. (dw.com)

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