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मदर्स डे विशेष : माँ की ममता अपार - संजय हरनारायण मोहता
10-May-2022 4:17 PM
मदर्स डे विशेष : माँ की ममता अपार - संजय हरनारायण मोहता
रायपुर, 10 मई। माँ शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है,लेकिन कैसे बताऊँ मैं, इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है माँ। माँ एक बच्चे के जीवन की अमूल्य धरोहर होती है,माँ की ममता, वो नींव का पत्थर होती है, जिस पर  बच्चे के भविष्य की इमारत खड़ी होती है। बच्चे की जिंदगी का पहला एहसास माँ की ममता होती है । जिंदगी की सबसे पहली गुरु माँ ही होती है,और हम उनके शिष्य होने के नाते माँ को कोई गुरु दक्षिणा भी नहीं देख सकते । क्योंकि माँ एक ऐसा कर्ज है, जो हम अपनी पूरी जिंदगी की कमाई देकर भी अदा नहीं कर सकते।
 
 माँ वो होती है, जो मन की बात को कहने से पहले, जान लें, जो हमारी आंखों को अपनी आंखों से देखते ही पहचान ले, दर्द हो या खुशी । हमारी हर इच्छा, हर हरकत, को दूर से ही देख कर जान लेती है। दुनिया में सबसे बेपनाह प्यार माँ ही कर सकती है,और वह सिर्फ और सिर्फ हमारे लिए जीती है। हमारी  एक खुशी के लिए अपना जीवन निछावर कर देती है।  मैंने, फरिश्तों का नाम सुना था, लेकिन अपनी मां के रूप में देख भी लिया। माँ एक सामान्य महिला है लेकिन उस अकेली माँ के सामने हर कोई असामान्य है। जिसका ऋण नहीं चुका सकते, वहीं माँ होती है। इस शब्द की ममता, गहराइयों, विशालता को कभी भी परिभाषित नही किया जा सकता। माँ तेरी ममता की तुलना संसार में किसी से नही की जा सकती ,तेरे चरणों में मेरा नमन।

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