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रायपुर, 12 मई। कलिंगा विश्वविद्यालय, फार्मेसी संकाय ने अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी (प्राचार्य फार्मेसी विभाग) के मार्गदर्शन में बी. फार्मा द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों के लिए बाल्को मेडिकल सेंटर में एक-दिवसीय चिकित्सा दौरे का आयोजन किया। इस आयोजन के समन्वयक श्री दीपेंद्र सोनी (सहायक प्रोफेसर), सुश्री खुशबू गुप्ता (सहायक प्रोफेसर) और श्री प्रांजुल श्रीवास्तव (सहायक प्रोफेसर) फार्मेसी विभाग थे।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस बीमारी से पीडि़त रोगियों के संघर्ष का सम्मान करने के लिए जागरूकता पैदा करता है। थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है जो शरीर को पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाने नहीं देता है। यह रोग रक्त कोशिकाओं को कमजोर और नष्ट कर देता है। इस बीमारी से पीडि़त लोगों के जीवन में सुधार के लिए डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और चिकित्सा कर्मचारियों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है।
यह दिन थैलेसीमिया रोग से पीडि़त रोगियों को समर्पित है और उन्हें एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है और साथ ही समाज, राज्य, समुदाय, देश आदि में इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता का प्रसार करता है। सबसे पहले, छात्रों ने दौरा किया ब्लड बैंक सेंटर जहां प्रभारी श्री सी.पी. मिश्रा ने रक्त के भंडारण में शामिल उपकरणों और रक्त घटकों को अलग करने, रक्तदान करने वाले मानदंडों के साथ रक्त संग्रह की प्रक्रिया के बारे में बताया।
तत्पश्चात वैज्ञानिक सत्र का संचालन डॉ. नीलेश जैन एमबीबीएस, एमडी, पीडीएफ (हेमेटोलॉजी) कंसल्टेंट-ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड हेमेटोलॉजी द्वारा किया गया। अपने विचार-विमर्श में उन्होंने छात्रों को रक्तआधान, रक्त समूह और थैलेसीमिया के बारे में अवगत कराया कि इनसे संबंधित शब्दावली और विभिन्न मानदंड क्या हैं, उन्होंने अपने भाषण में रक्तदान के महत्व को भी रेखाकित दिया।
डॉ जैन की वार्ता छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी रही और छात्रों ने डॉ जैन के साथ सक्रिय भागीदारी करते हुए अपनी जिज्ञासाएँ रखी जिनका डॉ. जैन ने बहुत अच्छी तरह से उत्तर दिया। इस दौरे में कुल 70 छात्रों ने भाग लिया।