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दैनिक जागरण अख़बार लिखता है कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी पर छह अप्रैल से जो ब्रेक लगाया हुआ है उसे वो हटा सकती है.
अख़बार लिखता है कि सरकारी तेल कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के आधार पर अभी उन्हें पेट्रोल पर 10 रुपये और डीज़ल पर 25 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है. ऐसे में इन दोनों उत्पादों की खुदरा कीमतों में वृद्धि नहीं की गई तो तेल कंपनियों को भारी घाटा उठाना पड़ सकता है.
ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर शुल्कों में कटौती करें तभी आम आदमी को राहत संभव है, नहीं तो जनता पर भारी वृद्धि का एक और बोझ पड़ना तय है.
सरकारी तेल कंपनियों ने 22 मार्च से लेकर छह अप्रैल, 2022 तक लगातार घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इज़ाफ़ा किया था.
इस दौरान पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में 10-10 रुपये की कुल बढ़ोतरी की गई थी. अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 96.67 रुपये प्रति लीटर है.