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कर्नाटक के कोडागू के एक स्कूल में छात्रों को कथित तौर पर एयरगन चलाने की ट्रेनिंग देने और त्रिशूल बांटने पर बजरंग दल ने सफ़ाई दी है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द टेलीग्राफ़' ने बजरंग दल से बात की है और उसका कहना है कि 'यह कोई हथियारों की ट्रेनिंग नहीं थी और एयरगन से एक भी शॉट फ़ायर नहीं किया गया.'
अख़बार लिखता है कि छात्रों की एयरगन लिए तस्वीरें तब सामने आई हैं जब बीजेपी शासित कर्नाटक राज्य में सरकारी शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन, धर्म-परिवर्तन क़ानून, मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल और हलाल फूड के ख़िलाफ़ संघ परिवार के अभियान जैसे मुद्दे छाए हुए हैं.
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई थीं जिसमें युवा ज़मीन पर लेटे हुए हैं और हाथों में एयरगन लिए शूटिंग की मुद्रा में हैं. बजंरग दल ने असली शूटिंग ट्रेनिंग की बात को ख़ारिज किया है. साथ ही कहा है कि त्रिशूल के सिरों पर धार नहीं थी और वो केवल 'प्रतीकात्मक' थे.
पुलिस का कहना है कि एयरगन को ख़रीदने और इस्तेमाल करने के लिए किसी अनुमति की ज़रूरत नहीं है.
कर्नाटक के पोन्नमपेट के साई शंकर हाई स्कूल में 5 मई से 11 मई के बीच 'शौर्य प्रशिक्षण वर्ग' और 'त्रिशूल दीक्षे' कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
बजरंग दल के राज्य संयोजक रघु सकलेशपुरा ने अख़बार से कहा है कि 'वहां पर कोई हथियार ट्रेनिंग नहीं दी गई और न ही एयरगन से एक भी गोली दागी गई.'
"त्रिशूल जो बांटे गए वो हथियार नहीं थे, वे सिर्फ़ प्रतीकात्मक त्रिशूल हमारे कार्यकर्ताओं को पूजा के कमरे में रखने के लिए थे. हम इन कैंपों को बीते 16 सालों से बिना किसी विवाद के कर्नाटक में आयोजित कर रहे हैं."
जब रघु से पूछा गया कि युवा उन एयरगन्स के साथ क्या कर रहे थे तो रघु ने कहा, "उनको बताया गया था कि एयरगन क्या है और यह कैसे काम करती है और इसके विभिन्न भाग क्या होते हैं."
उन्होंने बताया कि इस कैंप में 116 युवाओं ने भाग लिया था. (bbc.com)