ताजा खबर

धरने पर क्यों बैठ गए पंजाब के किसान
18-May-2022 1:47 PM
धरने पर क्यों बैठ गए पंजाब के किसान

पंजाब के किसान पिछले साल दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह आंदोलन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान गेहूं पर 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

  डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- 

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में दिल्ली की सीमा पर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ सालभर से चल रहे विरोध प्रदर्शन के खत्म होने के बाद अब पंजाब के सैकड़ों किसान मंगलवार को राज्य के बाहरी इलाके चंडीगढ़ बॉर्डर पर जुट गए. उनकी कई मांगों में से एक में समय से पहले गर्मी के कारण गेहूं की फसल की बर्बादी झेलने वाले किसानों को 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा व 10 जून से पहले धान की बुआई भी शामिल हैं. प्रदर्शनाकीर किसानों की अन्य प्रमुख मांगों में मक्का, बासमती और मूंग की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य शामिल है, जिसका सरकार ने आश्वासन दिया है. मगर उन्हें 18 जून से धान की रोपाई शुरू करने के चौंकाने वाले आदेश और प्रीपेड बिजली मीटर स्थापित नहीं किए जाने पर आपत्ति है.

मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ मार्च निकाला और चंडीगढ़ की ओर जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. जिसके बाद किसान चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर ही धरना देकर बैठ गए.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को संयम बरतने को कहा है. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन गैरजरूरी है. उन्होंने किसानों से धरना खत्म करने की अपील की है. मान ने कहा धान की बुवाई कार्यक्रम से किसानों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि यह कोशिश राज्य के गिरते जल स्तर को बचाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकती है.

धरने में 23 किसान संगठनों से जुड़े किसान शामिल हैं. भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मीडिया को बताया कि उनके पास 15 मांगों का एक चार्टर है, जिसमें सरकार द्वारा तय किए गए 18 जून के बजाय 10 जून से किसानों को धान बुवाई करने की अनुमति देना शामिल है.

पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह के साथ किसान यूनियन की बातचीत विफल होने के बाद यूनियन नेताओं ने पिछले हफ्ते धरने की घोषणा की थी. धरने पर बैठे किसान अपने साथ राशन, गैस सिलेंडर, खाना पकाने का सामान, बिस्तर और कूलर लेकर आए हैं.

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. किसानों ने मांगे नहीं पूरी होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. (dw.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news