अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान की सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर के नेता यासीन मलिक के मामले में निष्पक्ष जाँच नहीं हुई. यासीन मलिक को भारत की एक अदालत ने टेरर फ़ंडिंग का दोषी क़रार दिया है और 25 मई को उनकी सज़ा सुनाई जाएगी.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने मानवाधिकार और क़ानून मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं कि वो पूरी दुनिया के सामने इस मुद्दे को उठाने के लिए रोडमैप तैयार करें.
संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ यासीन मलिक की पत्नी मुशाल और उनकी दस साल की बेटी रज़िया सुल्ताना भी बैठी थीं.
उन्होंने कहा कि यासीन मलिक ऐसे नेता हैं जो शांतिपूर्वक आंदोलन के हिस्सा रहे हैं और जिन्होंने भारत प्रशासित कश्मीर की आज़ादी के लिए अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर दी है. मरियम औरंगज़ेब ने कहा कि यह जानकर उनका दिल बैठ गया जब उन्हें यासीन मलिक की पत्नी मुशाल ने बताया कि साल 2014 के बाद से वो अपने पति से नहीं मिल सकी हैं.
मुशाल ने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वो इस मुद्दे को पूरी दुनिया के सामने उठाएं और अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में भी लेकर जाए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की तरफ़ से जाँच आयोग बिठाने की मांग की.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी बयान जारी कर कहा है कि यासीन मलिक को भारतीय अदालत के ज़रिए मुजरिम क़रार दिया जाना निंदनीय है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यासीन मलिक को दोषी ठहराना मानवाधिकार के अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव और नागरिक और राजनीतिक अधिकार के अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है.(bbc.com)