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ऱायपुर, 24 मई। सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट), रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार का एक अग्रणी संस्थान है। सिपेट संस्थान की स्थापना रायपुर के भनपुरी औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ शासन एवं भारत सरकार की संयुक्त भागीदारी में हुयी है। अपनी स्थापना से लेकर वर्तमान समय तक सिपेट प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं तकनीकी के क्षेत्र नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है।
सिपेट में डिप्लोमा कार्यक्रमों के साथ- साथ छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई द्वारा मान्यता प्राप्त बी.टेक.(प्लास्टिक इंजीनियरिंग) का उपाधि पाठ्यक्रम वर्ष 2017 से संचालित किया जा रहा है। सिपेट से पास-आउट पहले बैच को प्लास्टिक उद्योगों द्वारा हाथो-हाथ लिया गया एवं वर्तमान में भी वर्ष 2022 में पास आउट होने वाले बैच में 40 छात्र-छात्राओं में से 30 छात्र-छात्राओं का चयन देश के अग्रणी उद्यमों में हो चुका है।
सिपेट में रिलायंस इंडस्ट्रीज, सुप्रीम पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड, जिंदल पॉलीफि़ल्म्स लिमिटेड, फिनॉलेस्क्स इंडस्ट्रीज एवं फनस्कूल (इंडिया) लिमिटेड जैसे प्रमुख उद्योगों द्वारा कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से छात्र-छात्राओं को रोजगार के प्रस्ताव दिए गए है। वर्ष 2022 में सिपेट के छात्रों अब तक को 7.50 लाख के अधिकतम पैकेज का प्रस्ताव दिया है। संस्थान के निदेशक श्री बी.पी. पात्र द्वारा बताया गया की वर्ष 2022 के सत्र के समापन तक सिपेट में 100 प्रतिशत नियोजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे सिपेट की अनुभवी एवं विशेषज्ञ प्राध्यापकों के अथक प्रयास से हासिल किया जावेगा।
श्री पात्र द्वारा बताया गया की छात्र, राज्य की परीक्षा के माध्यम से सिपेट में प्रवेश पा सकते है। इसके अलावा सिपेट में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्क्रमों का सञ्चालन भी किया जा रहा है जिसमे राज्य के पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान कर 100 प्रतिशत नियोजन के प्रदान किया गया है। इस अवसर पर निदेशक श्री बी.पी. पात्र द्वारा आह्वान किया गया की राज्य के समस्त युवाओं को सिपेट से जुड़कर भारत सरकार, राज्य सरकार एवं उनके स्वयं के रोजगार के सपनो को साकार करना चाहिए।