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उत्तर कोरिया ने इन जापानी लोगों का अपहरण क्यों किया?
24-May-2022 12:18 PM
उत्तर कोरिया ने इन जापानी लोगों का अपहरण क्यों किया?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को उन जापानी परिवारों से मुलाकात की जिनके सदस्यों को उत्तर कोरिया ने कई दशक पहले अगवा कर लिया था. बाइडेन ने कहा कि वो उनके प्रियजनों को वापस लाने की कोशिशों का समर्थन करते हैं.

(dw.com)  

अमेरिकीराष्ट्रपति बाइडेन ने इनमें से हरेक परिवार के सदस्यों से बात कर उनकी कहानी सुनी और उनकी उम्मीदों को बढ़ावा दिया. उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों की वजह से इन लोगों की आशाएं धूमिल हो रही हैं.

जापान का कहना है कि उत्तर कोरिया ने कम से कम 17 जापानी नागरिकों का अपहरण किया है. यह संख्या ज्यादा भी हो सकती  . इन लोगों को 1970 और 1980 के दशक में अगवा किया गया. 12 लोग अब भी लापता हैं. इनमें स्कूली बच्चे और दूसरे लोग थे जो जापानी तटों पर रहते थे. बहुत से लोगों को बांध कर छोटी-छोटी नावों के सहारे सागर पार उत्तर कोरिया ले जाया गया.

क्यों हुआ इन लोगों का अपहरण?
आरोप है कि उत्तर कोरिया इन लोगों को जापानी भाषा और संस्कृति जानने वाले जासूसों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहता था या फिर उनकी पहचान चुराना चाहता था ताकि एजेंटों को उनकी जगह जासूसी के लिए भेजा जा सके. खासतौर से दक्षिण कोरिया में जासूसी के लिए उत्तर कोरिया को इनकी जरूरत थी.

2002 में उत्तर कोरिया ने स्वीकार किया कि उसने 13 जापानियों का अपरहरण किया था. उत्तर कोरिया ने इसके लिए माफी मांगी और पांच लोगों को घर वापस भेजा गया. उत्तर कोरिया का कहना है कि 8 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही उसने चार लोगों के अपने इलाके में आने की बात से इनकार किया. उत्तर कोरिया ने यह भी वादा किया कि वह इस मामले की फिर से जांच कराएगा लेकिन जांच के नतीजों की कभी घोषणा नहीं की गई.

जापान का कहना है कि उत्तर कोरिया ने बाकी लोगों को वापस भेजने से इसलिये इनकार किया क्योंकि उसे चिंता है कि वे लोग देश के बारे में दूसरे लोगों को बता देंगे, खासतौर से ऐसी जानकारियां जो उसे असहज कर सकती हैं.

बाइडेन से इन परिवारों की मुलाकात कैसी रही?
45 साल की कोइशिरो इजुका की मां का 1978 में अपहरण कर लिया गया. इजुका को उनके अंकल ने पाला. उनका कहना है कि वह, "बहुत आभारी हैं क्योंकि राष्ट्रपति बाइडेन ने बहुत ध्यान से हममें से हरेक की कहानी सुनी" और मदद का वादा किया.

86 साल की साकी योकोता की 13 साल की बेटी मेगुमी को 1977 में जापान के उत्तरी तट के इलाके में स्कूल से घर लौटते वक्त अगवा कर लिया गया. बाइडेन ने घुटने के बल बैठ कर उनकी कहानी सुनी और उनसे कहा कि एक पिता के रूप में दो बच्चों को खोने के बाद वो उनके दर्द को समझ सकते हैं. योकोता ने कहा, "मेरा जी सचमुच हल्का हो गया, मैंने राष्ट्रपति से उनका समर्थन मांगा ताकि हम सभी अपने प्रियजनों को वापस पा सकें."

दो साल पहले योकोता के पति की मौत हो गई थी. उनका बेटा ताकुया योकोता अपहरण का दंश झेलने वाले परिवारों के समूह का प्रमुख है. योकोता ने कहा कि बाइडेन के समर्थन ने परिवार को हिम्मत दी है और उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन को सामने रखा है.

यह मामला अब कहां है?
जापान की सरकार ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से प्राथमिकता में डाल दिया है और उत्तर कोरिया से मांग की है कि वह बाकी बचे लोगों को भी तुरंत वापस करे. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का कहना है कि बिना शर्त उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मिलना चाहते हैं लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो रही है.

कई उम्रदराज रिश्तेदारों का कहना है कि अपने बिछड़े प्रियजनों को देखने के लिए अब उनके पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है.

जापान और उत्तर कोरिया के बीच कूटनीतिक संबंध नहीं हैं. इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिशें मोटे तौर पर कई दशकों से अटकी पड़ी हैं क्योंकि उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों और परमाणु हथियारों के विकास पर काम कर है जिसके जवाब में जापान उस पर प्रतिबंध लगाता रहा है.

एनआर/वीके (एपी)

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